विकास की राह पर अग्रसर जम्मू कश्मीर ; गत 5 वर्षों में डेढ़ गुना हुई GDP

    12-फ़रवरी-2024
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Jammu Kashmir GDP Data
 
 
अनुच्छेद 370 (Article 370) की समाप्ति के बाद से जम्मू कश्मीर में अनेक अभूतपूर्व बदलाव देखे जा रहे हैं। विकास की राह में कहीं पीछे छुट चुका जम्मू कश्मीर आज गत 5 वर्षों में विकास की मुख्य धारा से जुड़ा है। यही कारण है कि आज जम्मू कश्मीर के GDP में भी बड़ा उछाल दर्ज किया जा रहा है। जम्मू कश्मीर में हो रहे इन सभी बदलावों पर अपनी बात रखते हुए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कई महत्वपूर्ण बाते बताई। बीते 4-5 वर्षों से जम्मू कश्मीर में हो रहे सुधारों का असर विकास दर में दिखाई देने का दावा करते हुए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा जम्मू-कश्मीर की सकल घरेलू उत्पाद यानि (GDP) वर्ष 2018-19 में 1.6 लाख करोड़ रुपये थी। जोकि अब बढ़कर 2.64 लाख रुपये करोड़ हो गई है। यानि GDP में लगभग डेढ़ गुना से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है। इसके अलावा वर्ष 2024-25 का अंतरिम बजट भी पिछले वर्ष के बजट से 228 करोड़ रूपये अधिक है।
 
 
 
 
 
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जम्मू कश्मीर के विकास पर चर्चा करते हुए कहा कि दिसंबर 2023 तक JST राजस्व 6018 करोड़ था। जोकि 2022-23 की अवधि से 10.6 प्रतिशत अधिक है। उन्होंने कहा कि इस दृश्य को देखकर यह कहा जा सकता है कि जम्मू कश्मीर सुशासन, विकास व शांति के पथ पर तेजी से अग्रसर हो रहा है। मनोज सिन्हा ने आगे कहा कि अब जम्मू कश्मीर में केंद्र प्रायोजित योजनाओं का 100 प्रतिशत खर्च करने पर ध्यान केन्द्रित रहेगा। इसके अलावा पूंजीगत व्यय को बढ़ाना और राजस्व को कम करने पर भी मुख्य फोकस रहेगा। जम्मू स्थित कन्वेंशन सेंटर में गत रविवार को पत्रकारों को संबोधित करते ही हुए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि एक समय था जब जम्मू कश्मीर में बैंको का घाटा 1200 करोड़ था लेकिन अब वह 1300 करोड़ के फायदे में है।
 
 
 
जम्मू कश्मीर के बदलावों पर चर्चा करते हुए उन्होंने आगे कहा कि जम्मू कश्मीर में दशकों से पीड़ित, शोषित समाज के घावों को भरकर केंद्र सरकार ने उनके भौतिक उत्कर्ष को लक्ष्य बनाया है। आम आदमी के जीवन स्तर में सुधार हुआ है, 8 लाख से अधिक नौजवान उद्यमी बने हैं। 6 लाख से अधिक महिलाएं आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनी हैं और 31,830 सरकारी पदों पर पारदर्शी तरीके से नियुक्तियां की गई हैं। इसके अलावा हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर में रहने वाले पहाड़ी समुदाय को ST का दर्जा और वाल्मीकि से जुड़े अन्य समुदायों को SC से जोड़े जाने के फैसलों को भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि पहाड़ी समुदाय को ST का दर्जा दिए जाने की लंबे समय से की जा रही मांग को पूरा किया है। पहाड़ी को ST में शामिल किये जाने से पहले आरक्षण का लाभ ले रहे गुज्जर बक्करवाल पर इसका कोई फर्क नहीं पड़ेगा।