IIT जम्मू के नाम एक और बड़ी उपलब्धि ; 'अंडरवाटर वायरलेस ऑप्टिकल कम्युनिकेशन सिस्टम' तैयार

15 Feb 2024 12:14:26
 
 IIT Jammu Underwater Wireless Optical Communication System
 
 
IIT जम्मू को एक और बहुत बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है। IIT जम्मू के इस उपलब्धि से भारतीय नौसेना को दुश्मनों से सीमा की सुरक्षा करने में बेहद मदद मिलेगी। दरअसल IIT जम्मू ने हाल ही में 'अंडरवाटर वायरलेस ऑप्टिकल कम्युनिकेशन सिस्टम' (Underwater Optical Wireless Communications) तैयार किया है। इस सिस्टम की मदद से भारतीय नौसेना समुन्द्र में तटीय रक्षा को और अधिक मजबूर कर सकेगी। अक्सर बीच समुन्द्र नौसेना को सूचनाओं या फिर महत्वपूर्ण डाटा के आदान प्रदान से सम्बंधित जानकारी साँझा करने में समस्या उठानी पड़ती है। एक क्षोर से दूसरे क्षोर तक संपर्क स्थापित करने में कई बार सिग्नल की समस्या होती है। लिहाजा अब इस अंडरवाटर वायरलेस ऑप्टिकल कम्युनिकेशन सिस्टम (Underwater Optical Wireless Communications) के जरिये वो समस्या काफी हद तक दूर हो सकेगी।
 
 
खासियत  
 
 
IIT जम्मू के सहायक प्रोफेसर डॉ. अंकुर बंसल ने इस आधुनिक 'अंडरवाटर वायरलेस ऑप्टिकल कम्युनिकेशन सिस्टम' के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि इस सिस्टम के माध्यम से समुद्र के बीच नौसेना अपनी महत्वपूर्ण सूचनाएं बेहद सुरिक्षत, तेजी से और अधिक डाटा के साथ एक से दूसरे क्षोर तक पहुंचा सकेगी। उन्होंने बताया कि इस सिस्टम के संचार की रफ़्तार रेडिओ फ्रिक्वेंसी और एक्योस्टिक वेव्स से भी कहीं अधिक है। 'अंडरवाटर वायरलेस ऑप्टिकल कम्युनिकेशन सिस्टम' की मदद से समुन्द्र के अंदर जल गुणों के आधार पर वायरलेस ऑप्टिकल हाई डाटा रेट बेहद कम समय और 100 से 300 मीटर तक अधिक जानकारियां भेज सकेंगी। उन्होंने बताया कि इस सिस्टम को सेंसर और लेजर के जरिये पानी के नीचे स्थापित किया जा सकता है।
 
 
 
IIT जम्मू के सहायक प्रोफेसर डॉ. अंकुर बंसल ने इस आधुनिक सिस्टम के बारे में बात करते हुए आगे बताया कि इसमें ट्रांसमीटर और रिसीवर का इस्तेमाल किया गया है। ट्रांसमीटर ऑप्टिकल सिग्नल भेजता है और रिसीवर के जरिये किसी जहाज आदि पर लगे एंटीना से सिग्नल प्राप्त किया जा सकता है। गौरतलब है कि वर्तमान समय में वायरलेस संचार का उपयोग स्थलीय उपकरणों की एक विस्तृत शृंखला में हो रहा है। पानी के भीतर की दुनिया में वायरलेस संचार सैन्य एप्लीकेशन के लिए सबसे अधिक अहम है। इसे देखते हुए इसे तैयार किया गया है।
 
 
एंटी ड्रोन साउंड सिस्टम
 
 
इससे पहले ही IIT जम्मू ने एक एंटी ड्रोन साउंड सिस्टम भी तैयार किया है। इस ड्रोन के जरिये जम्मू कश्मीर के सीमान्त इलाकों में पाकिस्तान की तरफ से होने वाले हथियारों की स्मगलिंग और नशे की तस्करी जैसी घटनाओं पर रोक लगाईं सकेगी। दरअसल जम्मू कश्मीर में अब आतंकवाद से बड़ा खतरा ड्रग्स तस्करी का है। पंजाब सीमा पर आय दिन BSF द्वारा पाकिस्तानी ड्रोन पकडे जाते हैं। ऐसे में सेना के लिए चुनौती बनी इस तस्करी को IIT जम्मू द्वारा तैयार किये गए एंटी ड्रोन साउंड सिस्टम के जरिये कम किया जा सकेगा। इस हार्डवेयर सेटअप को IIT जम्मू के असिस्टेंट प्रोफेसर डा. कर्ण नाथवानी ने विकसित किया है। यह विभिन्न तरह की आवाज का पता लगाने में यह सेटअप काम करेगा। इसमें ड्रोन की आवाज, मल्टीपल ड्रोन एयरक्राफ्ट, पक्षी की आवाज शामिल है। प्रो. नाथवानी मूल रूप से उत्तर प्रदेश के कानपुर के रहने वाले हैं। उन्होंने IIT कानपुर से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग और PhD की है।
 
 
 
 
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