55 दिनों बाद शेख शाहजहाँ की गिरफ़्तारी ; TMC पर BJP ने लगाया म्यूचुअल गिरफ़्तारी का आरोप

    29-फ़रवरी-2024
Total Views |
 
Sheikh Shahjahan Arrest
 
पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में महिलाओं से यौन उत्पीड़न और जमीन हड़पने के आरोपी TMC नेता शेख शाहजहां आखिरकार गिरफ्तार कर लिया गया है। बंगाल पुलिस ने गुरुवार सुबह नॉर्थ 24 परगना के मीनाखान इलाके से उसे गिरफ्तार किया था। गिरफ़्तारी के बाद पुलिस ने उसे बशीरहाट कोर्ट में पेश किया जहाँ से कोर्ट ने उसे 10 दिन की पुलिस रिमांड में भेजा दिया है। बंगाल पुलिस ने गुरुवार सुबह नॉर्थ 24 परगना के मीनाखान इलाके से उसे गिरफ्तार किया था। वह 55 दिन से फरार था। यह गिरफ़्तारी ऐसे समय पर हुई है जब गत बुधवार ही सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रिय जाँच एजेंसियों को आदेश दिया था कि CBI या फिर अन्य राष्ट्रीय एजेंसियां शेख शाहजहां को गिरफ्तार करने के लिए स्वतंत्र हैं। अभी एजेंसियां कुछ करती उससे पहले ही बंगाल पुलिस शेख शाहजहां को गिरफ्तार कर लिया।
 
 
शाहजहां की गिरफ्तारी को लेकर साउथ बंगाल के ADG सुप्रतिम सरकार ने कहा कि शेख शाहजहां 5 जनवरी को ED अफसरों पर हुए हमले के मुख्य आरोपियों में शामिल था। उसे इसी मामले में गिरफ्तार किया गया है। मीडिया ने जब सुप्रतिम सरकार से पूछा कि क्या शेख शाहजहां पर सेक्शुअल असॉल्ट का कोई मामला दर्ज है, तो उन्होंने बताया कि इस गिरफ्तारी में सेक्शुअल असॉल्ट का कोई मामला दर्ज नहीं है। इसके अलावा शाहजहां के खिलाफ कई मामले दर्ज किए गए हैं। जिनमें 8 और 9 फरवरी को जो मामले दर्ज हुए हैं, वे सभी 2-3 साल पहले की घटनाओं के हैं। उनकी जांच पड़ताल में समय लगेगा। यानि कि महिलाओं ने इतनी बड़ी संख्या में जो शेख शाहजहाँ पर दुष्कर्म और जमीन हडपने का आरोप लगाया उससे सम्बंधित कोई मामला दर्ज नहीं है।
 
 
बहरहाल गिरफ़्तारी के बाद जब उसे कोर्ट में पेश किया गया तो उस दौरान उसकी अकड़ भी बहुत कुछ इशारा कर रही थी।  
 
 
 
 
 
भाजपा का TMC पर आरोप
 
 
वहीं इस गिरफ़्तारी के बाद अब भाजपा ने भी TMC पर गंभीर आरोप लगाया है। पश्चिम बंगाल में भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने इस मामले को लेकर कहा कि शेख शाहजहां की गिरफ़्तारी म्यूचुअल गिरफ़्तारी है यानि सोची समझी साजिश के तहत उसकी गिरफ़्तारी हुई है। शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि शेख शाहजहां को गिरफ्तार तो कर लिया गया है, लेकिन वह एक डील के तहत कल रात 12 बजे से ममता पुलिस की सुरक्षित कस्टडी में है। कल रात पुलिस उसे बेरमजूर-II में ग्राम पंचायत इलाके में ले गई थी, जहां उसने प्रभावशाली मध्यस्थों की मदद से ममता की पुलिस से डील की कि पुलिस कस्टडी और ज्यूडिशियल कस्टडी में उसकी अच्छे से देखभाल की जाएगी। जेल में उसे फाइव स्टार होटल जैसी सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगीं। यहां तक कि उसे फोन भी दिया जाएगा जिसकी मदद से वह तोलामूल पार्टी को वर्चुअली चला सकेगा। वहीं शेख शाहजहां की गिरफ्तारी को लेकर बंगाल भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि भाजपा की तरफ से लगातार इस मुद्दे पर प्रदर्शन किए गए, जिसकी वजह से बंगाल सरकार उसे गिरफ्तार करने को मजबूर हुई। सरकार तो अब तक शेख शाहजहां को आरोपी मानने से ही इनकार कर रही थी।
 
 
यानि साफ़ है कि एक तरफ जहाँ बंगाल पुलिस शाहजहाँ को गिरफ्तार करने की बात कर रही है वहीं दूसरी तरफ अभी भी वो सवालों के कटघरे में है। सुप्रीम कोर्ट का इस मामले में आदेश आना और उसके 24 घंटे के भीतर ही शेख शाहजहाँ का गिरफ्तार होना TMC और बंगाल पुलिस पर कई सवाल खड़े करते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं शेख शाहजहाँ के खिलाफ जो सबसे बड़ा आरोप है महिलाओं से उत्पीडन का उस मामले में अभी तो कोई मामला भी उसके खिलाफ दर्ज नहीं है। यानि इससे भी काफी हद तक यह स्पष्ट होता है कि उसे सत्ता का संरक्षण प्राप्त है और वो अपने प्रभाव से कानून को भी अपनी कठपुतली की तरह इस्तेमाल कर रहा है।
 
 
 
 
 
शेख शाहजहाँ की कुंडली
 
 
शेख शाहजहां वर्षों पहले बांग्लादेश से पश्चिम बंगाल के संदेशखाली आया। यहां उसने ईंट-भट्ठा पर मजदूरी कर के अपना जीवन-यापन करना शुरू किया था। धीरे धीरे वो अपना वर्चस्व बढाने में लग गया। फिर देखते ही देखते कुछ ही समय में शेख शाहजहाँ संदेशखाली का डॉन बन गया और अपनी गुंडागर्दी के दम पर लोगों से जमीनें हड़प कर करोड़ों की संपति का मालिक बन गया। 2002 में शाहजहां ने ईंट-भट्ठा के मजदूरों की यूनियन बनाई और उसका नेता बन गया। यूनियन के नेता होने से इलाके में उसकी सक्रियता बढ़ गई और माकपा के करीब आ गया। साल 2004 में शाहजहां ने राजनीति में एंट्री ली और माकपा में शामिल हो गया. कहते हैं कि सत्ता का संरक्षण मिलते ही शाहजहां ने स्थानीय लोगों के खेतों और जमीनों पर कब्ज़ा करना शुरू कर दिया। 2012 में उसने TMC का दामन थामा और फिर उसके काले कारनामें तेजी से बढ़ता चला गया।
 
 
मामले संज्ञान में आनें के बाद ED ने जांच शुरू की। प्रवर्तन निदेशालय ने दावा किया कि पश्चिम बंगाल के राशन वितरण घोटाले में करीब 10 हजार करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार हुआ है। इस मामले में सबसे पहले बंगाल के पूर्व मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक को गिरफ्तार किया गया। इस गिरफ़्तारी के बाद TMC नेता शेख शाहजहाँ और बनगांव नगर पालिका के पूर्व चेयरमैन शंकर आद्या की संलिप्तता सामने आई।
 
 
लिहाजा इस सिलसिले में 5 जनवरी को प्रवर्तन निदेशालय की टीम शेख को गिरफ्तार करने उसके आवास पर पहुंची। लेकिन यहाँ शेख के गुर्गों ने ED की टीम पर हमला बोल दिया। शेख के करीब 200 से ज्यादा समर्थकों ने अचानक ED के अधिकारियों और उनके साथ चल रहे अर्धसैनिक बलों के वाहनों को घेर लिया था। अधिकारियों की गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की थी। इस हमले में ED के 3 अधिकारी राजकुमार राम, सोमनाथ दत्त और अंकुर गुप्ता घायल हो गए थे। इस मामले में आरोपियों के खिलाफ 3 अलग अलग मामलों में FIR दर्ज की गई। यह मामला जब उठा तब महिलाओं ने भी आगे बढ़कर शेख के खिलाफ आवाज उठाई और काले कारनामों की पोल खोलनी शुरू कर दी। इन घटनाओं के बाद से शेख फरार चल रहा था। बहरहाल अभी वो पुलिस की गिरफ्त में है।