भाजपा के वरिष्ठ नेता और देश के पूर्व प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी (LK Advani) को लेकर केंद्र की मोदी सरकार ने बड़ा फैसला किया है। केंद्र सरकार लाल कृष्ण आडवाणी को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' (Bharat Ratna) से सम्मानित करेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं इस बात की जानकारी अपने आधिकारिक ट्वीटर हैंडल से दी है। इस बारे में ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा कि 'मुझे यह बताते हुए बेहद ख़ुशी हो रही है कि श्री लालकृष्ण आडवाणी जी को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने आगे लिखा कि 'मैंने उनसे अभी बात की और इस सम्मान से सम्मानित होने के लिए उन्हें बधाई दी।' PM मोदी ने लिखा कि 'हमारे समय के सबसे सम्मानित राजनेताओं में से एक, भारत के विकास में उनका योगदान अविस्मरणीय है। उनका जीवन जमीनी स्तर पर काम करने से शुरू होकर हमारे उपप्रधानमंत्री के रूप में देश की सेवा करने तक का है'।
2015 में पद्म विभूषण
वर्ष 2015 में केंद्र की मोदी सरकार ने लाल कृष्ण आडवाणी को देश के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से सम्मानित किया था। इसी वर्ष पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भारत रत्न दिया गया था। हालाँकि वाजपेयी उन दिनों 90 साल के थे और अस्वस्थ भी थें। लिहाजा तब के तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने प्रोटोकोल से हट कर पूर्व प्रधानमंत्री के कृष्ण मेनन मार्ग स्थित निवास पर जाकर उन्हें यह पुरस्कार प्रदान किया। वाजपेयी के अलावा इसी साल प्रख्यात शिक्षाविद और स्वतंत्रता सेनानी महामना मदन मोहन मालवीय को मरणोपरांत यह सम्मान दिया गया था। पद्म विभूषण के बाद अब लाल कृष्ण आडवाणी को देश के सबसे सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से सम्मानित किया जा रहा है। गौरतलब है कि अब तक 49 लोगों को भारत रत्न दिया जा चुका है। यह सम्मान पाने वाले आडवाणी 50वीं हस्ती हैं।
जन्म से लेकर राजनीतिक जीवन पर एक नजर
लालकृष्ण आडवाणी का जन्म 8 नवंबर 1927 को कराची (पाकिस्तान) में हुआ था। आडवाणी जी के पिता का नाम किशनचंद आडवाणी और माता जी का नाम ज्ञानीदेवी था। लालकृष्ण आडवाणी का परिवार सिंधी हिंदुओं की आमिल शाखा से था। अपनी शुरुआती शिक्षा उन्होंने कराची के सेंट पैट्रिक हाई स्कूल से ग्रहण की थी। इसके बाद उन्होंने हैदराबाद, सिंध के डीजी नेशनल स्कूल में दाखिला लिया। 1947 में देश विभाजन के दौरान आडवाणी का परिवार भारत आ गया और मुंबई में रहने लगा। यहां उन्होंने लॉ कॉलेज ऑफ द बॉम्बे यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की। आडवाणी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जरिए अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी।
कई वर्षों तक आडवाणी राजस्थान में संघ के प्रचारक के रूप में सेवा में लगे रहे। वह उन लोगों में शामिल हैं जिन्होंने भारतीय जनता पार्टी की नींव रखी थी। साल 1951 में जब डॉ० श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जनसंघ की स्थापना की, तब से लेकर साल 1957 तक लालकृष्ण आडवाणी पार्टी के सचिव रहे। फिर 1970 से 1972 तक वे जनसंघ की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष पद पर बने रहे। 1970 से 1989 तक वे 4 बार राज्यसभा के सदस्य निर्वाचित हुए। इस बीच 1977 में वे जनता पार्टी के महासचिव भी रहे। साल 1973 से 1977 तक उन्होंने भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष का दायित्व संभाला। 1977 से 1979 तक केंद्र में जब मोरारजी देसाई की अगुआई में बनी जनता पार्टी की सरकार थी तो उस वक्त वे सूचना एवं प्रसारण मंत्री रहे।
भाजपा अध्यक्ष से उपप्रधानमंत्री का सफ़र
वर्ष 1980 में जब भारतीय जनता पार्टी की स्थापना हुई तब 1986 तक लालकृष्ण आडवाणी पार्टी के महासचिव बने रहे। महासचिव पद के अतिरिक्त उन्होंने साल 1986 से 1991 तक पार्टी के अध्यक्ष पद का भी उत्तरदायित्व संभाला। इसके अलावा 1993-98 और 2004-05 तक वे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर बने रहे। हालाँकि इससे पूर्व लालकृष्ण आडवाणी 1989 में 9वीं लोकसभा के लिए दिल्ली से सांसद चुने गए। 1989-91 तक वे लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे। 1991, 1998, 1999, 2004, 2009 और 2014 में वे गांधीनगर से लोकसभा सांसद चुने गए। 1998 से लेकर 2004 तक पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली NDA सरकार में गृहमंत्री रहे। 2002 से 2004 के बीच अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में 7वें उपप्रधानमंत्री रहे।
राम मंदिर आन्दोलन
राजनीतिक जीवन में रहते हुए लालकृष्ण आडवाणी ने साल राम मंदिर के लिए एक रथ यात्रा भी निकाली थी। 1989-90 में जब राम मंदिर आंदोलन शुरू हुआ तब इस आंदोलन के दौरान आडवाणी ने सोमनाथ से अयोध्या के लिए राम रथ यात्रा निकाली थी। हालांकि आडवाणी को बीच में ही गिरफ़्तार कर लिया गया था, लेकिन राजनीति में उनका कद काफी हद तक बड़ा होगया था। रथ यात्रा की जिम्मेदारी लाल कृष्ण आडवाणी ने वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया सौंपा था। 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद जिन लोगों को अभियुक्त बनाया गया है उनमें आडवाणी का नाम भी शामिल था।