
आर्थिक तंगी और राजनीतिक अस्थिरता से जूझ रहे पाकिस्तान को आखिरकार शहबाज़ शरीफ के रूप में नया प्रधानमंत्री मिल गया है। वहीं दूसरी तरफ आज यानि शनिवार को पाकिस्तान में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव हो रहे हैं। राष्ट्रपति की रेस में PPP नेता और पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति रहे आसिफ अली जरदारी सबसे आगे हैं। जबकि वहीं आसिफ अली जरदारी का मुकाबला सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल के उम्मीदवार महमूद खान अचकजई से है। लेकिन पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस चुनाव में आसिफ अली जरदारी के राष्ट्रपति बनने की सम्भावना सबसे अधिक है। पाकिस्तान में सरकार भी नवाज शरीफ की पार्टी PMLN और जरदारी की पार्टी PPP के बीच समर्थन से बनी है।
समर्थन के दौरान दोनों पार्टियों के बीच इसी बात पर सहमति बनी कि आसिफ जरदारी पाकिस्तान के राष्ट्रपति होंगे और शहबाज़ शरीफ प्रधानमंत्री। लिहाजा इस चुनाव में PPP नेता आसिफ अली जरदारी का दावा सबसे मजबूत है और वह पाकिस्तान पीपल्स पार्टी और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज PMLN के संयुक्त उम्मीदवार हैं। हालाँकि पाकिस्तान में चुनाव तो महज एक दिखावा मात्र है क्योंकि पूरी दुनिया को यह पता है कि पाकिस्तान में सरकार पाकिस्तानी आर्मी चुनती है। लिहाजा तय नियमों के मुताबिक पहले शहबाज़ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनें फिर अब जरदारी के दूसरी बार पाकिस्तान के राष्ट्रपति बनने की पूरी संभावना है। पाकिस्तान के नए राष्ट्रपति, निवर्तमान राष्ट्रपति डॉ. आरिफ अल्वी की जगह लेंगे, जिनका पांच साल का कार्यकाल पिछले साल ही खत्म हो चुका है। हालांकि नए राष्ट्रपति की नियुक्ति तक वह पद पर बने हुए हैं।
आसिफ जरदारी -:
बात करें पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी के पिता आसिफ जरदारी की तो वे एक बिजनेसमैन और साथ ही में राजनेता हैं। साथ ही पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो के पति हैं जिनकी हत्या कर दी गई थी। जरदारी, पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के सह-अध्यक्ष हैं, जिसने नवाज शरीफ की पार्टी PMLN के समर्थन से सरकार बनाई है। PMLN और PPP के गठबंधन की डील के तहत पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद पर शहबाज शरीफ की ताजपोशी हुई है। वहीं राष्ट्रपति पद PPP के हिस्से जाना है। दोनों पार्टियों में समझौते के तहत पंजाब में पीएमएल-एन की मरयम नवाज सीएम चुनी गई हैं। वहीं सिंध प्रांत की सत्ता पीपीपी को मिली है। जरदारी 2008 से 2013 तक भी पाकिस्तान के राष्ट्रपति रह चुके हैं और अब दूसरी बार इस पद को पाने की रेस में हैं।
आसिफ अली की जीत इसलिए पक्की मानी जा रही है क्योंकि PPP और PMLN का गठबंधन केंद्र के साथ ही पंजाब, सिंध, बलूचिस्तान असेंबली में बहुमत में है। वहीं विपक्ष के पास सिर्फ खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में ही बहुमत है। बता दें कि पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में 325 सदस्य हैं। साथ ही 91 सीनेटर्स हैं। पंजाब असेंबली में 354, सिंध असेंबली में 157, खैबर पख्तूनख्वा में 117 और बलूचिस्तान असेंबली में 65 सदस्य हैं। पाकिस्तान में राष्ट्रपति चुनाव इलेक्टोरल कॉलेज प्रक्रिया से होगा, जिसमें संघीय और प्रांतीय असेंबली के सदस्य मतदान करेंगे। आसिफ अली जरदारी के प्रतिद्वंदी अचकजई पश्तूनख्वा मिल्ली अवामी पार्टी के अध्यक्ष हैं और सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल के उम्मीदवार हैं।
इमरान खान की पार्टी पीटीआई समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार भी सुन्नी इत्तेहाद काउंसिल के बैनर तले राष्ट्रपति चुनाव में हिस्सा ले रहे हैं। अचकजई ने राष्ट्रपति चुनाव से पहले चुनाव आयोग से अपील की थी कि इलेक्टोरल कॉलेज के पूरा होने तक राष्ट्रपति चुनाव टाल दिए जाएं, लेकिन चुनाव आयोग ने उनकी अपील खारिज कर दी। विपक्ष इलेक्टोरल कॉलेज के पूरा हुए बिना राष्ट्रपति चुनाव कराने को अवैध करार दे रहा है। आसिफ अली जरदारी को राष्ट्रपति चुनाव में 400 इलेक्टोरल वोट मिल सकते हैं।