श्री अमरनाथ यात्रा की तारीखों का ऐलान ; इस दिन शुरू होगी पंजीकरण की सुविधा, कुल 52 दिनों की होगी यात्रा

    10-अप्रैल-2024
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Shri Amarnath Yatra Date 2024
 
Shri Baba Amarnath Yatra 2024 Schedule : श्री बाबा अमरनाथ की वार्षिक यात्रा इस वर्ष 29 जून से शुरू होगी जोकि 19 अगस्त यानि रक्षाबंधन तक जारी रहेगी। यानि इस बार की यात्रा कुल 52 दिनों की होगी। अमरनाथ यात्रा को लेकर शेड्यूल जारी कर दिया है। श्री अमरनाथ यात्रा के लिए 15 अप्रैल से ऑनलाइन/ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया भी शुरू हो जाएगी। लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Chunav 2024) संपन्न होने के बाद प्रशासन का पूरा ध्यान श्री अमरनाथ यात्रा को लेकर केंद्रित हो जाएगा। यात्रियों की सुविधा को लेकर भी इस वर्ष ख़ास इंतज़ाम किये जा सकते हैं। गत वर्ष के अनुसार इस वर्ष भी बाबा अमरनाथ की पवित्र गुफा से आरती का लाइव प्रसारण जुलाई के महीने में होगा। 
 
 
जानकारी के मुताबिक श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड (Shri Amarnath Ji Shrine Board) जल्द ही एडवांस पंजीकरण के लिए अधिकृत किए जाने वाले बैंकों की शाखाओं की विस्तार से जानकारी उपलब्ध करवाएगा। चूंकि पंजीकरण के लिए स्वास्थ्य प्रमाणपत्र जरूरी है। इसलिए देश भर के राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में स्वास्थ्य प्रमाणपत्र बनने वाले अस्पतालों व डॉक्टरों की टीमों की सूची जारी की जाएगी। आम तौर पर पंजाब नेशनल बैंक, यस बैंक और जम्मू कश्मीर बैंकों की करीब साढ़े पांच सौ शाखाओं से पंजीकरण करने की व्यवस्था होती है। बोर्ड जल्द ही ग्रुप पंजीकरण के लिए दिशा-निर्देश जारी करेगा। साथ ही ऑनलाइन पंजीकरण को भी खोला जाएगा। 
 
 
बीते वर्ष 62 दिनों तक चली थी यात्रा  
 
 
गौरतलब है कि पिछले वर्ष श्री बाबा अमरनाथ की वार्षिक यात्रा 1 जुलाई से शुरू होकर 31 अगस्त तक चली थी। रक्षाबंधन के दिन यात्रा का समापन हुआ था। यानि बीते वर्ष यात्रा कुल 62 दिनों तक चली। प्रशासन द्वारा शिव भक्तों की सुविधा के लिए ख़ास इन्तेजाम किए गए थे। दक्षिण कश्मीर संभाग के हिमालयी क्षेत्र में 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित बाबा बर्फ़ानी की पवित्र गुफा में शिवलिंग के दर्शन के लिए यह तीर्थ यात्रा प्रत्येक वर्ष आयोजित होती है। बाबा बर्फानी के दर्शन करने के ल‍िए श्रद्धालु केवल पैदल मार्ग या टट्टू के जर‍िए ही पहुंच सकते हैं। इस दौरान लिड्डर घाटी के आख‍िर में एक हिमालय के अंदर स्थित अमरनाथ गुफा मंद‍िर तक पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को काफी परेशानियों से होकर गुजरना पड़ता है। 
 
 
यात्रा का मार्ग  
 
 
मंद‍िर तक पहुंचने वाले मार्ग पर बेहद ही कठ‍िनाई होती है। लिहाजा इसल‍िए अमरनाथ यात्रा मार्ग को जुलाई-अगस्त के आसपास श्रावण के महीने में ही जनता के लिए खोला जाता है। सड़क के रास्ते अमरनाथ पहुंचने के लिए पहले जम्मू तक जाना होगा फिर जम्मू से श्रीनगर तक का सफर करना होता है। श्रीनगर से तीर्थयात्री पहलगाम या बालटाल पहुँचते हैं। पहलगाम या बालटाल तक आप किसी भी वाहन से पहुंच सकते हैं लेकिन इससे आगे का सफर आपको पैदल ही करना होता है। क्योंकि पहलगाम और बालटाल से ही श्री अमरनाथ यात्रा की शुरुआत होती है और पवित्र गुफा तक पहुंचने के लिए यहाँ से दो रास्ते निकलते हैं। पहलगाम से अमरनाथ की पवित्र गुफा की दूरी जहाँ करीब 48 किलोमीटर है वहीं बालटाल से गुफा की दूरी 14 किलोमीटर है। यहाँ से तीर्थयात्रियों को पैदल मार्ग से ही गुफा तक यात्रा करनी होती है।
 
 
चूँकि बालटाल से अमरनाथ गुफा तक की दूरी कम है और यह छोटा रूट है लिहाजा तीर्थयात्री कम समय में गुफा तक पहुंच सकते हैं। लेकिन यह रास्ता काफी कठिन और सीधी चढ़ाई वाला है इसलिए इस रूट से ज्यादा बुजुर्ग और बीमार नहीं जाते हैं। जबकि बात करें पहलगाम रूट की तो यह अमरनाथ यात्रा का सबसे पुराना और ऐतिहासिक रूट है। इस रूट से गुफा तक पहुंचने में करीब 3 दिन लगते हैं। लेकिन यह ज्यादा कठिन नहीं है। पहलगाम से पहला पड़ाव चंदनवाड़ी का आता है जो पहलगाम बेस कैंप से करीब 16 किलोमीटर दूर है यहां तक रास्ता लगभग सपाट होता है इसके बाद चढ़ाई शुरू होती है। इससे अगला स्टॉप 3 किलोमीटर आगे पिस्सू टॉप है। तीसरा पड़ाव शेषनाग है जो पिस्सू टॉप से करीब 9 किलोमीटर दूर है। शेषनाग के बाद अगला पड़ाव पंचतरणी का आता है जो शेषनाग से 14 किलोमीटर दूर है। पंचतरणी से पवित्र गुफा केवल 6 किलोमीटर दूर रह जाती है।