भारतीय दिल से 19 वर्षीय पाकिस्तानी लड़की को मिला जीवनदान ; परिजनों ने जताया भारत सरकार का आभार

    25-अप्रैल-2024
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Pakistani Girl Heart Transplant in India 

पाकिस्तान के आतंक विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता और भारत विरोधी सोच के कारण दोनों देशों के बीच लंबे समय से मनमुटाव की स्थिति है। दोनों देशों के बीच व्यापार भी बाधित है, जिसका खामियाजा आज पाकिस्तान भुगत रहा है। पाकिस्तान में गरीबी और महंगाई अपने चरम पर है, लोग एक जून की रोटी के लिए तरस रहे हैं। स्वास्थ्य सुविधाएँ पहले से ही वहां खस्ता हाल में हैं। कई बार गंभीर बिमारियों के इलाज के लिए पाकिस्तानी भारत आते हैं। अब कुछ इसी प्रकार की एक और घटना सामने आई है। जब भारत ने अपने मानवीयता का परिचय देते हुए पाकिस्तान की रहने वाली एक 19 वर्षीय लड़की को जीवनदान दिया है। दोनों देशों के बीच जारी गतिरोध को दरकिनार करते हुए भारतीय डॉक्टरों ने पाकिस्तान की आयशा नाम की लड़की को नई जिंदगी प्रदान की है।

 

दरअसल पाकिस्तान की रहने वाली 19 वर्षीय आयशा पिछले 10 वर्षों से दिल की बीमारी से पीड़ित थीं। आयशा के परिजनों ने उन्हें लेकर साल 2014 में इलाज के लिए भारत आए। तब चेन्नई में डॉक्टरों ने आयशा को पेस मेकर लगाकर उन्हें कुछ समय के लिए राहत दी। लेकिन साथ ही यह सुझाव भी दिया कि उन्हें जल्द हार्ट ट्रांसप्लांट कराना होगा। इस ट्रांसप्लांट में करीब 35 से 40 लाख का खर्च आना था, जोकि परिवार द्वारा दे पाना बेहद मुश्किल था। पेस मेकर की मदद से आयशा की जिंदगी कुछ वर्षों तक तो बेहतर रही लेकिन जल्द ही उसे सीने में दर्द शुरू हुआ और परेशानियों का सामना करना पड़ा। परिजनों ने डॉक्टरों से फिर संपर्क किया तो डॉक्टरों ने बताया कि आयशा को हार्ट ट्रांसप्लांट की जरूरत है, क्योंकि आयशा के हार्ट पंप में लीकेज हो गया था। इसके कारण आयशा को एक्स्ट्रा कार्पोरियल मेम्ब्रेन ऑक्सीजनेशन सिस्टम पर रखा गया था।

 

हार्ट ट्रांसप्लांट में खर्च आना था करीब 35 से 40 लाख रूपये। परिवार के लिए इतनी बड़ी रकम दे पाना बेहद मुश्किल हो गया। तब अस्पताल के डॉक्टरों ने आयशा के परिजनों की ऐश्वर्यम ट्रस्ट से मुलाकात करवाई, जिन्होंने आयशा की आर्थिक मदद का भरोसा दिया। आयशा की किस्मत ने साथ दिया और उसे 6 महीने पहले ही हार्ट ट्रांसप्लांट के लिए भारतीय डोनर मिला। अब परिवार के लोगों की उम्मीद जगी और फिर इसके बाद डोनर के हार्ट को दिल्ली से चेन्नई लाया गया। फिर चेन्नई के एमजीएम हेल्थकेयर ने आयशा की हार्ट ट्रांसप्लांट का ऑपरेशन मुफ्त में कर उसे नई जिंदगी प्रदान की। नई जिंदगी मिलने से आयशा और उनके परिजन बेहद खुश हैं। आयशा के परिजनों ने सफल ऑपरेशन के लिए डॉक्टरों का आभार जताया।

 

हार्ट ट्रांसप्लांट के बाद आयशा के परिजनों ने भारत सरकार की भी तारीफ़ करते हुए उनका आभार व्यक्त किया है। साथ पाकिस्तान के स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलते हुए कहा कि भारत की तुलना में पाकिस्तान की स्वास्थ्य व्यस्व्था बेहद खराब है। भारत में उनकी बेटी को एक नई जिन्दगी मिल गई है जिसकी उम्मीद बिलकुल भी नहीं थी। आयशा ने बताया कि उनका सपना फैशन डिजाइनर बनने का है। उन्हें एक बार फिर से नई जिंदगी मिली है तो अब वे अपने सपने को साकार करने के लिए मेहनत करेंगी। साथ ही परिजनों ने बताया कि जब आयशा को भारत लाया गया तो उसके जिंदा बचने के चांस महज 10% थे। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान से कहीं बेहतर इलाज की सुविधाएं भारत में हैं।