‘POJK पाकिस्तान का क्षेत्र नहीं’ ; पाकिस्तान ने कबूला सच, जानें पूरा मामला

    01-जून-2024
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Pakistan Big Statement on POJK
 

Pakistan Occupied Jammu Kashmir: बीते 76 वर्षों से पाकिस्तान ने भारत के बड़े भूभाग, जिसे हम 'पाकिस्तान अधिक्रांत जम्मू कश्मीर' (POJK) कहते हैं, पर अपना अवैध कब्जा कर रखा है। न सिर्फ POJK बल्कि POTL, यानी लद्दाख के क्षेत्र जिसमें गिलगित बालतिस्तान शामिल है, उस पर भी अवैध कब्जा कर रखा है। भारत हमेशा से इन क्षेत्रों पर दावा करता आया है। भारतीय संसद में इसके लिए सर्वसम्मति से प्रस्ताव भी पास किया जा चुका है। आखिरकार, आज 76 वर्षों बाद, पाकिस्तान के इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने मान लिया कि पाकिस्तान जिस POJK को अपना हिस्सा बताता है, वह पाकिस्तान का हिस्सा नहीं है। सरल शब्दों में कहें तो पाकिस्तान ने यह स्वीकार कर लिया कि POJK पाकिस्तान का आधिकारिक हिस्सा नहीं है। पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू कश्मीर पर पाकिस्तान का कोई अधिकार नहीं है।
 
 
क्या है पूरा मामला?
 
 
दरअसल, यह सब एक केस की सुनवाई के दौरान हुआ। हाल ही में, पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले जम्मू कश्मीर के लाखों लोगों ने अपने मानवाधिकारों की मांग और पाकिस्तान द्वारा किए जा रहे अत्याचारों के खिलाफ बड़ा प्रदर्शन किया था। पाकिस्तानी रेंजर्स की मदद से पाकिस्तान सरकार ने इस प्रदर्शन को रोकने की कोशिश की। लेकिन POJK के लोग बेकाबू होकर पाकिस्तानी सेना पर ही हमला बोल दिया। पाकिस्तान के इस अमानवीय रवैये को देखते हुए, POJK के मशहूर कवि अहमद फरहद शाह ने भी इस मुद्दे को जोर-शोर से उठाया और पाकिस्तान सरकार, ISI, और पाकिस्तानी सेना की जमकर आलोचना की। उन्होंने कई लेख भी लिखे।
 
 
 
 
 
इस आलोचना का असर
 
 
अहमद फरहद शाह को उनके घर से अगवा कर लिया गया। उनके परिजन और पत्नी उरूज जैनब ने दावा किया कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI ने अहमद फरहद शाह को घर से अगवा किया है। उरूज जैनब ने बताया कि 14 मई को देर रात चार लोग गहरे रंग के कपड़ों में उनके घर पहुंचे, अहमद को खींचकर घर से बाहर निकाला और जबरदस्ती एक कार में बैठाकर ले गए। उनके साथ तीन और गाड़ियां थीं।

POJK total area  
 
पाकिस्तान ने कबूला सच
 
 
अहमद फरहद शाह लगभग 16 दिनों से लापता थे। मामला बढ़ने पर न्यायालय ने पाकिस्तान सरकार को फटकार लगाते हुए फरहद की जानकारी मांगी। फरहद शाह के परिजन इस्लामाबाद हाईकोर्ट पहुंचे, जहां उन्हें बताया गया कि वे धीरकोट पुलिस की कस्टडी में हैं। इस मामले में इस्लामाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सरकारी वकील ईमान माजरी ने अहमद फरहद शाह की रिहाई के लिए गुहार लगाई। इस्लामाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस ने बताया कि अहमद फरहद शाह POJK पुलिस की गिरफ्त में हैं। इस सुनवाई के दौरान पाकिस्तान के अतिरिक्त महाधिवक्ता ने स्वीकार किया कि POJK पाकिस्तान का क्षेत्र नहीं है। उन्होंने कहा कि POJK एक विदेशी क्षेत्र है। इस तरह इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने मान लिया कि POJK पर पाकिस्तान का कब्जा अवैध है। 
 
 
POJK sankalp divas
 
 भारतीय संसद का संकल्प पत्र 
 
POJK भारत का अभिन्न अंग:
 
 
हालांकि, POJK पाकिस्तान का हिस्सा नहीं है, यह बात पाकिस्तानी संविधान में भी स्पष्ट है। AJK सुप्रीम कोर्ट के अनुसार, "पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट को आज़ाद जम्मू कश्मीर और कश्मीर के क्षेत्र में अपने अधिकार क्षेत्र का विस्तार करने का कोई अधिकार नहीं है क्योंकि पाकिस्तान के क्षेत्रों को संविधान के अनुच्छेद 1 में परिभाषित किया गया है।" लेकिन पिछले 76 वर्षों में पाकिस्तान ने POJK को AJK यानी आजाद जम्मू कश्मीर का नाम देकर दुनिया के सामने यह झूठे दावे करता रहा है कि यह क्षेत्र आजाद है। लेकिन हकीकत यही है कि पाकिस्तान इन क्षेत्रों पर अपनी हुकूमत चलाता है, पाकिस्तानी सेना यहाँ के लोगों के साथ अत्याचार करती है और यहाँ के प्राकृतिक संसाधनों का दोहन करती है। भारत हमेशा से यह दावा करता आया है कि पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाला जम्मू कश्मीर और लद्दाख का क्षेत्र भारत का अभिन्न अंग है। इसे लेकर भारतीय संसद में 22 फरवरी 1994 को सर्वसम्मति से प्रस्ताव भी पारित किया गया कि POJK भारत का अभिन्न अंग है और पाकिस्तान को इस क्षेत्र से अपना अवैध कब्जा खत्म करना होगा।
 
 
Ahmad farhad shah pojk
 
 
कौन हैं POJK के कवि अहमद फरहद शाह?
 
 
अहमद फरहद पाकिस्तान के फ्रीलांस पत्रकार और कवि हैं। 38 वर्षीय अहमद POJK के बाग शहर से आते हैं। हाल ही में जब POJK में पाकिस्तान के विरोध में प्रदर्शन हुआ था, तो उन्होंने उसकी कवरेज की थी। वे पाकिस्तानी फौज की आलोचना के लिए जाने जाते हैं। अहमद की पत्नी जैनब ने अल जजीरा को बताया कि उनके पति पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पार्टी PTI के समर्थक हैं। इस वजह से उन पर सरकारी एजेंसियां काफी समय से दबाव बना रही हैं। जैनब ने आगे बताया कि अहमद केवल मानवाधिकारों के पक्ष में हैं। जब नवाज शरीफ की पार्टी PML-N को फौज ने दबाव डालकर सत्ता से बेदखल किया था, तब अहमद ने PML-N के समर्थन में भी प्रदर्शन किए थे। इसके अलावा, वे लोगों के मानवाधिकारों के लिए भी आवाज उठाते हैं। इसीलिए वे अक्सर पाकिस्तानी सेना और ISI के निशाने पर रहते हैं।