लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी होंगे देश के नए आर्मी चीफ ; चीन-पाकिस्तान बॉर्डर ऑपरेशन का है गहरा अनुभव

12 Jun 2024 12:53:05
 
Lt General Upendra Dwivedi
 
देश को नया आर्मी चीफ मिल गया है। मौजूदा सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे का कार्यकाल समाप्त होने से पूर्व केंद्र सरकार ने लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी को देश का नया आर्मी चीफ नियुक्त (Lieutenant General Upendra Dwivedi New Army Chief) किया है। केंद्र सरकार ने मंगलवार, 11 जून की रात लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी को नए आर्मी चीफ के रूप में नियुक्त किया। उपेंद्र द्विवेदी मौजूदा सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे की जगह लेंगे और 30 जून से अपना कार्यभार ग्रहण करेंगे। 30 जून को ही मौजूदा आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडे अपने पद से सेवामुक्त हो रहे हैं, लिहाजा इसी दिन लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी 30वें सेना प्रमुख के रूप में कार्यभार संभालेंगे। इससे पहले वे सेना के वाइस चीफ, नॉर्दर्न आर्मी कमांडर, DG इन्फेंट्री और सेना में कई अन्य कमांड के प्रमुख के रूप में देश की सेवा कर चुके हैं। 
 
 
नियुक्ति की प्रक्रिया
 
 
लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी वर्तमान में वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ के पद पर कार्यरत हैं। उनकी नियुक्ति में सरकार ने सीनियॉरिटी के सिद्धांत का पालन किया है। लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी के बाद सबसे सीनियर अफसर दक्षिणी सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल अजय कुमार सिंह हैं। लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी और लेफ्टिनेंट जनरल अजय कुमार सिंह दोनों को 30 जून को रिटायर होना था। रक्षा विभाग के मुताबिक, तीनों सेनाओं के प्रमुख 62 साल की उम्र तक या तीन साल, इनमें से जो भी पहले हो, तब तक सेवा दे सकते हैं। हालांकि, लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अधिकारियों की रिटायरमेंट एज 60 साल है, जब तक कि अधिकारी को फोर स्टार रैंक के लिए अप्रूव नहीं किया जाता है। 

Lt Gen Upendra Dwivedi Army Chief 
 
 
जनरल द्विवेदी का सैन्य सफर
 
टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल को लेकर उत्साही होने के नाते, लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने नॉर्दर्न कमांड में सभी रैंकों की टेक्निकल बाउंड्रीज को बढ़ाने की दिशा में काम किया। उन्होंने बिग डेटा एनालिटिक्स, AI, क्वांटम और ब्लॉकचेन-बेस्ड समाधानों जैसी महत्वपूर्ण और उभरती हुई टेक्नोलॉजी को बढ़ावा दिया। लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी के दो विदेशी कार्यकाल के दौरान सोमालिया हेडक्वॉर्टर UNOSOM II का हिस्सा रहे। साथ
 
 
ही सेशेल्स सरकार के सैन्य सलाहकार के रूप में काम किया। लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन और AWC, महू में हाईकमांड सिलेबस में भी भाग लिया। उन्हें USAWC, कार्लिस्ले, USA में विशिष्ट फेलो से सम्मानित किया गया था। उनके पास डिफेंस एंड मैनेजमेंट स्टडीज में MPhil की डिग्री है। इसके अलावा मिलिट्री साइंस में दो मास्टर डिग्री हैं, जिनमें से एक USAWC USA से है।
 
 
मौजूदा आर्मी चीफ का कार्यकाल
 
 
दरअसल मौजूदा आर्मी चीफ जनरल मनोज पांडे का कार्यकाल 30 मई को समाप्त होने वाला था। वे 31 मई को अपने दायित्वों से सेवामुक्त होने वाले थे। लेकिन केंद्र सरकार ने उनका कार्यकाल किन्हीं कारणों से 1 महीने के लिए बढ़ा दिया। इससे ठीक छह दिन पहले 25 मई को उन्हें एक्सटेंशन दिया गया था। हालांकि, अब देश के नए आर्मी चीफ के रूप में लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी के नाम का ऐलान हो चुका है। 30 जून को वे अपना दायित्व संभालेंगे। जनरल द्विवेदी अक्सर कई मौकों पर POJK को मुक्त कराए जाने पर भी खुलकर बयान दे चुके हैं। POJK मुक्त कराए जाने को लेकर जब भी उनसे सवाल किया गया तो उन्होंने खुलकर कहा कि केंद्र सरकार जब भी आदेश करे वो आगे बढ़कर इस काम को आसानी से पूरा करेंगे। इस काम के लिए हमारी सेना पूरी तरह से तैयार है। ना सिर्फ POJK बल्कि पाकिस्तान की हर एक नापाक चाल को भी विध्वंस करने का पूरा रोड मैप है। 
 
 
 
 
 
जनरल द्विवेदी के बारे में कुछ जानकारी
 
 
1 जुलाई, 1964 को जन्मे द्विवेदी सैनिक स्कूल, रीवा और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA), खड़कवासला के पूर्व छात्र हैं। उनकी पहली तैनाती 15 दिसंबर, 1984 को भारतीय सेना की 18 जम्मू कश्मीर राइफल्स में हुई थी। बाद में उन्होंने उसी यूनिट की कमान संभाली। जनरल द्विवेदी नेशनल डिफेंस कॉलेज और US आर्मी वॉर कॉलेज के पूर्व छात्र भी रह चुके हैं। उन्होंने डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन और आर्मी वॉर कॉलेज, महू से भी पढ़ाई पूरी की है। उनके पास स्ट्रैटजिक स्टडी (Strategic Studies) और मिलिट्री साइंस दोनों की मास्टर डिग्री है। 19 फरवरी 2024 को उन्होंने वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ के रूप में पदभार ग्रहण किया।

Lt Gen Upendra Dwivedi Army Chief 
 
 
लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी की यात्रा
 
 
अपनी करीब 40 साल की जर्नी में लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने विभिन्न कमांड्स को संभालने के साथ विदेशी नियुक्तियों में भी काम किया है। उनकी कमांड में तैनाती की बात करें तो वो 18 जम्मू और कश्मीर राइफल्स रेजिमेंट, असम राइफल्स और 9 कोर की कमान में एक्टिव रह चुके हैं। लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी को PVSM (परम विशिष्ट सेवा मेडल), AVSM (अति विशिष्ट सेवा मेडल) और तीन जीओसी-इन-सी कमेंडेशन कार्ड से सम्मानित किया जा चुका है। नए सेना प्रमुख द्विवेदी को चीन और पाकिस्तान बॉर्डर पर ऑपरेशन एक्सपीरियंस के लिए जाना जाता है। लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी के पास चीन और पाकिस्तान के साथ सीमाओं पर व्यापक परिचालन अनुभव है। उत्तरी सेना के कमांडर के रूप में लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर निरंतर सैन्य अभियानों की योजना बनाने और उन्हें सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए बेहतरीन कौशल दिखाया।
 
 
सामरिक अनुभव
 
 
वे डिफेंस पर मास्टर ऑफ फिलॉसफी (MPhil) और स्ट्रैटजिक और मिलिट्री साइंस में दो मास्टर डिग्री होल्डर हैं। ऐसे में दुश्मन की चालों को काउंटर करने के लिए नक्शे पर रणनीति बनानी हो या पाकिस्तान सीमा (LOC) और चीन सीमा (LAC) पर दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देना, दोनों काम उन्हें बखूबी आते हैं। भारतीय थल सेना के उच्च अधिकारियों के मुताबिक, लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने जम्मू-कश्मीर (J&K) में काफी समय तक एंटी टेररिस्ट ऑपरेशंस को भी अंजाम दिया। 
 
 
 
 
 
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