गुलमर्ग स्थित प्राचीन गौरी शंकर मंदिर का इतिहास जो आग में जलकर हुआ क्षतिग्रस्त

    06-जून-2024
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Maharani Temple Gulmarg
 
Maharani Temple Gulmarg : यह तस्वीरें गुलमर्ग स्थित उस प्राचीन शिव मंदिर की है जो आग में जलकर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चूका है। 5 जून को तडके करीब 3:30 बजे इस मंदिर में अचानक आग लग गई। स्थानीय लोगों से आग की सूचना जैसे ही प्रशासन को मिली, प्रशासन ने घटना स्थल पर पहुँच लम्बी मसक्कत के बाद आग पर काबू पाया। लेकिन आग इतनी भीषण थी कि लकड़ी से बना यह प्राचीन शिव पार्वती मंदिर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया। बहरहाल इस बीच गनीमत यह रही कि इस घटना में किसी भी तरह कि कोई जीवित हानि नहीं हुई है। इस घटना के बारे में जानकारी देते हुए SSP बारामुला आमोद अशोक नागपुरे ने कहा कि घटना की जानकारी जैसे ही प्रशासन को मिली प्रशासन ने घटना स्थल पर पहुंचकर लोगों की मदद से आग बुझाने का काम किया। हालाँकि आग कैसे लगी इस बात की जानकारी अभी नहीं है लेकिन जल्द ही इसकी जानकारी जुटा ली जाएगी। जांच के लिए एक टीम का गठन कर दिया गया है।  
 
 
 
 
 
बॉलीवुड की पसंदीदा जगह  
 
 
गुलमर्ग स्थित इस प्राचीन शिव मंदिर को महारानी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर को बॉलीवुड की अनेक फिल्मों में भी दर्शाया गया है। आपने 1974 में आई फिल्म 'आप की कसम' (Aap Ki Kasam Movie) देखी होगी, अगर नहीं देखी होगी तो उस फिल्म का एक सुपर हिट गाना 'जय जय शिव शंकर काँटा लगे ना कंकर' (Jai Jai Shivshankar Song) जरुर सूना होगा, इस गाने में भी इस प्राचीन शिव मंदिर को फिल्माया गया था। इसके अलावा अनेक बॉलीवुड की फिल्मों में इस मंदिर को दिखाया गया है। लेकिन आज यह मंदिर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चूका है। आग कैसे लगी इन कारणों का पता लगाने के लिए प्रशासन ने टीम गठित कर दी है। 
 
 
गुलमर्ग का इतिहास 
 
बहरहाल क्या आप जानते हैं कि दुनिया के सबसे खूबसूरत पर्यटन स्थलों में से एक ‘गुलमर्ग’ को 1581 ई से पूर्व तक गौरी मार्ग के नाम से जाता था। लेकिन कश्मीर में चकवंश के तत्कालीन शासक युसूफ शाह द्वारा जारी फतवे के कारण गौरी मार्ग को गुलमर्ग के नाम से पुकारा जाने लगा। उन दिनों से ही यहाँ प्राचीन गौरी शंकर मंदिर हुआ करता था और गौरी मार्ग एक तीर्थस्थल के रूप में जाना जाता था। लेकिन इतिहास के जानकारों का कहना है कि मध्य काल में जब इस्लामिक शासन हुआ तब इस्लामिक शासको द्वारा हिन्दुओं के इस प्राचीन शिव मंदिर को क्षतिग्रस्त कर दिया गया। लेकिन कालान्तर में हिन्दुओं ने यहाँ सदैव तीर्थ यात्रा जारी रखी।
 
 
इसके पश्चात सन 1915 में महाराजा प्रताप सिंह के डोगरा शासन काल में इस प्रचीन मंदिर का पुनरुद्धार किया गया। तत्पश्चात जम्मू कश्मीर के आखिरी महाराजा हरि सिंह की पत्नी रानी मोहिनी बाई ने इस मंदिर का पुनर्निर्माण कराया। इसके बाद से इस मंदिर को महारानी मंदिर के नाम से नयी पहचान मिली। वर्ष 2021 में भारतीय सेना ने इस मंदिर का नवीनीकरण कर इस प्राचीन व ऐतिहासिक गौरी शंकर मंदिर को जनता को समर्पित किया।
 
 
बहरहाल आग लगने के कारण यह मंदिर तो पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है लेकिन उम्मीद है कि प्रशासन जल्द ही इस मंदिर का नवीनीकरण कर जनता को समर्पित करेगी। ऐसे में अगर आप कभी कश्मीर घाटी स्थित गौरी मार्ग यानी गुलमर्ग आये तो इस मंदिर में दर्शन अवश्य करें।