
जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद सियासत गर्मा गई है। सभी पार्टियां अपने-अपने स्तर पर चुनावी मैदान में ताल ठोकने के लिए उतर चुकी हैं। इधर कुछ दिन पहले तक अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ने का दावा करने वाली नेशनल कांफ्रेंस ने भी कांग्रेस के साथ गठबंधन पर सहमति जता दी है। हालाँकि अभी सीट बंटवारे को लेकर दोनों दलों के बीच खींचतान का दौर शुरू होना बाकी है। लेकिन इसी बीच जम्मू कश्मीर की राजनीति से जुड़ी एक ऐसी तस्वीर सामने आई है जो कांग्रेस पार्टी को चिंता में डाल सकती है।
दरअसल विधानसभा चुनाव से ठीक पहले ही पुंछ से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चौधरी अब्दुल गनी ने दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की है। इस मुलाकात के बाद ऐसी संभावनाएं जताई जा रही हैं कि अब्दुल गनी कांग्रेस से नाता तोड़ भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकते हैं। देर सबेर यह कयास हकीकत में भी बदल सकता है। क्योंकि चुनाव के बीच इस तरह से अब्दुल गनी का दिल्ली में गृहमंत्री शाह से मिलना यह कांग्रेस के लिए शुभ संकेत तो बिलकुल भी नहीं है। उनके भाजपा में शामिल होने और पुंछ हवेली निर्वाचन क्षेत्र से पार्टी के जनादेश पर चुनाव लड़ने की संभावना है। अगर ऐसा संभव होता है तो यकीनी तौर पर यह कांग्रेस पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जाएगा।
अब्दुल गनी मौजूदा समय में पुंछ से डीसी सदस्य हैं। साल 2014 में आजाद उम्मीदवार के तौर पर उन्होंने पुंछ विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा और दूसरे नंबर पर रहे। इनकी बेटी ताजिम अख्तर डीसी काउंसिल पुंछ की चेयरमैन हैं। यदि वह भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन करते हैं तो पार्टी उन्हें उम्मीदवार घोषित कर सकती है। इस क्षेत्र में अब्दुल गनी का काफी प्रभाव भी है लिहाजा यहाँ ना सिर्फ कांग्रेस पार्टी को अंदरूनी घाव मिलेगा इसका बड़ा खामियाजा भी भुगतना पड़ सकता है। बहरहाल अभी चुनाव में कुछ दिन बाकी हैं, उम्मीदवारों के नामों का ऐलान होना बाकि है ऐसे में इस तरह की तस्वीरें अभी और भी देखने को मिलेगी। फिलहाल इस विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी और नेशनल कांफ्रेंस साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं।