
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला आगामी जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में गांदरबल निर्वाचन क्षेत्र से ताल ठोकेंगे। पहले विधानसभा चुनाव ना लड़ने की बात करने वाले उमर अब्दुल्ला अब जम्मू कश्मीर के गांदरबल से चुनाव लड़ेंगे। नेशनल कॉन्फ्रेंस ने आज यानि मंगलवार को 32 नए उम्मीदवारों की सूची जारी की है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के लिए जम्मू कश्मीर के गांदरबल जिले को उसकी मजबूत पकड़ माना जाता है क्योंकि अतीत में भी इस निर्वाचन क्षेत्र ने अब्दुल्ला परिवार की तीन पीढ़ियों को चुना था। NC के संस्थापक शेख मोहम्मद अब्दुल्ला ने 1977 में इसी सीट से जीत हासिल की थी। उनके बाद उनके बेटे फारूक अब्दुल्ला ने 1983, 1987 और 1996 में लगातार 3 बार इस विधानसभा क्षेत्र से जीत हासिल की। फिर उमर अब्दुल्ला 2008 में इस सीट से निर्वाचित हुए थे। यानि यह सीट NC के लिए सबसे सुरक्षित सीट मानी जाती रही है।
NC द्वारा जारी आज की नई सूची में जिन उम्मीदवारों के नाम हैं और जिन्हें टिकट दिया गया है उनमें-:
मियां मेहर अली कंगन (ST सीट) से चुनाव लड़ेंगे
उमर अब्दुल्ला-गांदरबल
सलाम अली सागर - हज़रतबल
अली मोहम्मद सागर-खानयार
शमीमा फिरदौस-हब्बा कदल
अहसान परदेसी-लाल चौक
मुश्ताक गुरु-चनापोरा
तनवीर सादिक-ज़दीबल
मुबारक गुल-ईदगाह
सैफ-उद-दीन भट-खान साहब
अब्दुल रहीम राथर-चरार-ए-शरीफ
अली मोहम्मद दार-चदूरा से चुनावी मैदान में उतरेंगे।
अपने ही बयानों से उमर अब्दुल्ला ने मारी पलटी
लोकसभा चुनाव के दौरान एक साक्षात्कार में उमर अब्दुल्ला से जब विधान सभा चुनाव लड़ने को लेकर सवाल पूछा गया था तब उन्होंने साफ़ तौर पर चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था। उन्होंने दावा किया था कि जब तक जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल नहीं हो जाता तब तक वे विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ेंगे। लेकिन अब उन्होंने घोषणा की है कि वे गांदरबल सीट से चुनाव लड़ेंगे। यानि चुनाव को घोषणा होते ही अब्दुल्ला का मिजाज बदल गया और वे सत्ता की कुर्सी के लिए फिर एक बार NC की पारम्परिक सीट माने जाने वाली गान्दरबल विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतर गए हैं।
J&K की राजनीति में अब्दुल्ला परिवार की चौथी पीढ़ी ?
अब्दुल्ला के अलावा आज कल उनके दोनों बेटे भी राजनीति में सक्रीय नजर आ रहे हैं। उमर अब्दुल्ला के दोनों बेटे जमीर और जहीर इन दिनों पार्टी के कार्यक्रमों में नजर आ रहे हैं। इसके अलावा उन्हें कई महत्वपूर्ण बैठकों में भी शामिल होते हुए देखा गया है। लिहाजा इन दृश्यों को देखने के बाद राजनीतिक गलियारों में एक चर्चा और तेज हो रही है कि क्या जम्मू कश्मीर की राजनीति में अब्दुल्ला परिवार की चौथी पीढ़ी भी आगे आ रही है? क्या आने वाले समय में यह संभव है कि उमर अब्दुल्ला के दोनों बेटे NC की कमान संभालेंगे? लेकिन इन सब के बीच एक महत्वपूर्ण सवाल यह भी है कि आखिरकार जम्मू कश्मीर की राजनीति से परिवारवाद का अंत कब होगा ?