370 की समाप्ति के बाद J&K में अब तक कितने बाहरी लोगों ने खरीदी जमीन? सरकार का बड़ा खुलासा !

    01-नवंबर-2025
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Jammu Kashmir Assembly data on land sale
 
 
Article 370 Abrogation Impact : 5 अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35-A हटाए जाने के बाद से प्रदेश की भूमि नीतियों में आए बड़े बदलावों का असर अब जमीन पर साफ दिखने लगे हैं। जम्मू-कश्मीर सरकार ने पहली बार आधिकारिक तौर पर यह खुलासा किया है कि देश के अन्य राज्यों से आने वाले 631 लोगों ने पिछले छह वर्षों में प्रदेश में कुल 386 कनाल जमीन खरीदी है। यह जानकारी राजस्व विभाग की ओर से विधानसभा में एक लिखित जवाब में दी गई। यह जवाब विधायक शेख अहसान अहमद द्वारा पूछे गए प्रश्न के उत्तर में था, जिसमें उन्होंने अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद बाहरी व्यक्तियों द्वारा की गई भूमि खरीद की स्थिति पर जानकारी मांगी थी।
 
 
जम्मू में सर्वाधिक भूमि खरीद
 
 
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, बाहरी लोगों द्वारा जमीन खरीद के मामलों में जम्मू क्षेत्र अग्रणी रहा है। राजस्व विभाग ने बताया कि जम्मू संभाग में 378 गैर-निवासी खरीदारों ने कुल 212 कनाल और 13 मरला भूमि खरीदी है। इन सौदों का अनुमानित मूल्य 90.48 करोड़ रुपये बताया गया है।
 
 
कश्मीर संभाग में भी बढ़ी रुचि
 
 
वहीं कश्मीर घाटी में भी बाहरी नागरिकों की भूमि खरीद में दिलचस्पी दर्ज की गई है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, कश्मीर क्षेत्र में 253 बाहरी व्यक्तियों ने 173 कनाल और 7 मरला जमीन खरीदी है, जिसकी कुल कीमत लगभग 39.49 करोड़ रुपये है। इस तरह, जम्मू-कश्मीर के दोनों क्षेत्रों को मिलाकर बाहरी लोगों द्वारा खरीदी गई जमीन का कुल आंकड़ा 386 कनाल तक पहुँच गया है, जिसकी बाजार कीमत करीब 129.97 करोड़ रुपये है।
 
 
370 हटने के बाद बदले भूमि कानून
 
 
गौरतलब है कि अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 और 35-ए के हटने के बाद, केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर में लागू कई पुराने कानूनों में संशोधन किए थे। पहले, केवल राज्य के ‘स्थायी निवासियों’ (Permanent Residents) को ही भूमि खरीदने का अधिकार था, लेकिन नए प्रावधानों के तहत अब भारत के किसी भी राज्य का नागरिक जम्मू-कश्मीर में भूमि खरीद सकता है। हालांकि कृषि भूमि खरीदने पर अभी भी कुछ प्रतिबंध लागू हैं।
 
 
विकास और निवेश को बढ़ावा
 
 
केंद्र और जम्मू-कश्मीर प्रशासन का कहना है कि इन सुधारों का उद्देश्य प्रदेश में निवेश, उद्योग और रोजगार को बढ़ावा देना है। सरकार के अनुसार, इससे जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था में निजी निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा और स्थानीय युवाओं के लिए नए अवसर पैदा होंगे।
 
 
विपक्ष की आलोचना
 
 
वहीं, विपक्षी दलों का आरोप है कि यह प्रक्रिया प्रदेश की जनसांख्यिकी को बदलने की कोशिश है। कई क्षेत्रीय पार्टियाँ यह मांग कर रही हैं कि बाहरी लोगों को भूमि खरीद की अनुमति पर नियंत्रण और पारदर्शिता सुनिश्चित की जाए।
 
 
यह पहली बार है जब जम्मू-कश्मीर सरकार ने अनुच्छेद 370 हटने के बाद बाहरी लोगों द्वारा खरीदी गई भूमि के संबंध में विस्तृत और आधिकारिक आँकड़े सार्वजनिक किए हैं। सरकार का कहना है कि सभी सौदे वैधानिक प्रक्रियाओं और राजस्व विभाग की मंजूरी के बाद ही पंजीकृत किए गए हैं।