पाकिस्तान एक बार फिर अपनी नापाक हरकतों को जाहिर करते हुए गुरुवार शाम अफ़गान सीमा पर सीजफायर का उल्लंघन किया है। पाकिस्तानी सेना ने अफगानिस्तान सीमा पर संघर्षविराम का उल्लंघन करते हुए गोलियां और मोर्टार दागे। यह घटना बलूचिस्तान प्रांत के चमन बॉर्डर क्रासिंग पर हुई, जो अफगानिस्तान के कंधार प्रांत के स्पिन बोल्डक जिले से जुड़ा है।
बताया जा रहा है कि पाकिस्तानी सेना ने स्पिन बोल्डक में तालिबान लड़ाकों के ठिकानों को निशाना बनाकर फायरिंग की, जिसके जवाब में तालिबान ने भी पाकिस्तानी चौकियों पर तीव्र गोलीबारी की। दोनों ओर से हुई भीषण गोलीबारी के कारण यह सीमा चौकी पिछले एक महीने से बंद पड़ी है।
टोलो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तानी सेना ने कंधार के स्पिन बोल्डक जिले के लुकमान गांव में अफगानिस्तान फोर्सेज पर गोलियां चलाईं और इसके बाद मोर्टार शेल से हमला किया। सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान ने जानबूझकर कुछ नागरिक घर को भी निशाना बनाया। स्थानीय अधिकारियों ने फिलहाल इस पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है, हालांकि सीमा क्षेत्र में तनाव बेहद बढ़ गया है।
यह गोलीबारी ऐसे वक्त में हुई है, जब पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच इस्तांबुल में तीसरे दौर की शांति वार्ता शुरू होने वाली है। इस वार्ता में दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडल अब तक हुए समझौतों के क्रियान्वयन और बाकी विवादित मुद्दों पर चर्चा करने वाले थे। शांति वार्ता में पाकिस्तान की ओर से ISI चीफ लेफ्टिनेंट जनरल आसिम मलिक नेतृत्व कर रहे हैं, जबकि तालिबान की ओर से खुफिया प्रमुख अब्दुल हक वासिक, उप गृह मंत्री रहमतुल्लाह नजीब और प्रवक्ता सुहैल शाहीन शामिल हो रहे हैं। लेकिन इससे पहले ही पाकिस्तान की ओर से हुई यह गोलीबारी शांति की सारी कोशिशों पर पानी फेरती नजर आ रही है।
यह वही पाकिस्तान है जो अपने हर पड़ोसी देश के साथ तनाव पैदा करने में माहिर है। भारत इसका सबसे बड़ा उदाहरण है जहां पाकिस्तान लगातार संघर्षविराम उल्लंघन, सीमा पार से आतंकवाद फैलाने और निर्दोष नागरिकों पर गोलियां बरसाने जैसी हरकतों से बाज नहीं आता।
अफगान सीमा पर हुई यह ताज़ा गोलीबारी पाकिस्तान की उसी पुरानी सोच और दोहरे चेहरे को उजागर करती है एक ओर "शांति वार्ता" की बात, और दूसरी ओर "गोलियों और बारूद" की भाषा। तालिबान के साथ संवाद की मेज पर बैठने से पहले ही पाकिस्तान का यह रवैया साफ दिखाता है कि उसे न शांति की परवाह है, न स्थिरता की, बल्कि वह हर बार पड़ोसी देशों को अस्थिर करने की अपनी पुरानी नीति पर कायम है।
पाकिस्तान की इन हरकतों ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि यह देश न तो शांति चाहता है, न स्थायित्व, बल्कि अपने भीतर की विफलताओं से ध्यान भटकाने के लिए सीमाओं पर तनाव फैलाना ही उसका पसंदीदा हथियार है चाहे वह भारत की सीमा हो या अफगानिस्तान की।