भारतीय सेना की मारक शक्ति में बड़ा इजाफा ; US से मिला AH-64E अपाचे हेलीकॉप्टरों का दूसरा बैच, सनातन परंपरा से हुआ विधिवत पूजन

    17-दिसंबर-2025
Total Views |

Indian army recive apache helicopter

भारतीय सेना की युद्ध क्षमता में मंगलवार को एक और ऐतिहासिक अध्याय जुड़ गया। अमेरिका ने AH-64E अपाचे अटैक हेलीकॉप्टरों का दूसरा और अंतिम बैच भारतीय सेना को सौंप दिया है। इस डिलीवरी के साथ ही सेना को अपने सभी 6 अपाचे लड़ाकू हेलीकॉप्टर मिल गए हैं, जिससे देश की सीमा सुरक्षा और आक्रामक क्षमता को नई धार मिली है। अमेरिका से आए ये तीन अत्याधुनिक अपाचे हेलीकॉप्टर गाजियाबाद स्थित हिंडन एयरबेस पर उतरे। इसके बाद इन्हें राजस्थान के जोधपुर में स्थित 451 आर्मी एविएशन स्क्वाड्रन में शामिल किया जाएगा, जहाँ से ये रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण इलाकों में तैनात किए जाएंगे।
 
 
सनातन परंपरा से आधुनिक हथियारों का स्वागत
 
 
इन अपाचे हेलीकॉप्टरों को भारतीय सेना ने सनातन हिंदू परंपरा के अनुसार विधिवत पूजन के साथ अपने बेड़े में शामिल किया। मंत्रोच्चार और धार्मिक विधि के साथ हुए इस पूजन ने यह स्पष्ट किया कि भारत में आधुनिक युद्ध तकनीक और हजारों वर्षों पुरानी सैन्य परंपराएँ साथ-साथ चलती हैं। सेना के जवानों द्वारा किया गया यह पूजन न केवल आस्था का प्रतीक था, बल्कि यह संदेश भी कि भारत अपने शस्त्रों को केवल हथियार नहीं, बल्कि राष्ट्र रक्षा का माध्यम मानकर सम्मान देता है।
 
 
अपाचे को क्यों कहा जाता है “फ्लाइंग टैंक”?
 
 
अमेरिका में निर्मित AH-64E अपाचे हेलीकॉप्टर को दुनिया के सबसे घातक और भरोसेमंद मल्टीरोल अटैक हेलीकॉप्टरों में गिना जाता है। इसकी असाधारण मारक क्षमता और युद्ध क्षेत्र में टिके रहने की ताकत के कारण इसे “फ्लाइंग टैंक” कहा जाता है। अपाचे हेलीकॉप्टर: हेलफायर मिसाइल, 70 मिमी रॉकेट, 30 मिमी चेन गन से लैस होते हैं, जिससे यह दुश्मन के बंकरों, टैंकों, सैन्य ठिकानों और एयर डिफेंस सिस्टम को सटीक तरीके से नष्ट करने में सक्षम है।
 
 
रात, पहाड़ और दुर्गम इलाके—हर मोर्चे पर सक्षम
 
अपाचे हेलीकॉप्टर में लगे अत्याधुनिक सेंसर्स और नाइट फाइटिंग सिस्टम इसे दिन-रात किसी भी परिस्थिति में युद्ध के लिए सक्षम बनाते हैं  विशेष रूप से पर्वतीय, रेगिस्तानी और जोखिमभरे इलाकों में इसकी भूमिका बेहद प्रभावी मानी जाती है। यही वजह है कि अमेरिकी सेना सहित कई देशों ने इसे अपने प्रमुख सैन्य अभियानों में इस्तेमाल किया है।
 
 
सेना को क्या होगा रणनीतिक लाभ?
 
 
भारत सरकार ने वर्ष 2020 में बोइंग कंपनी के साथ 4,168 करोड़ रुपये का सौदा कर भारतीय सेना के लिए 6 अपाचे हेलीकॉप्टर खरीदे थे। यह सौदा सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण की दिशा में एक बड़ा कदम माना जाता है।
 
 
इन हेलीकॉप्टरों के शामिल होने से:
 
सीमावर्ती और संवेदनशील इलाकों में सेना की ऑपरेशनल क्षमता बढ़ेगी,
 
दुश्मन पर तेज़ और निर्णायक हमला संभव होगा,
 
थलसेना की स्वतंत्र हवाई आक्रमण शक्ति को मजबूती मिलेगी।
 
गौरतलब है कि इससे पहले भारतीय वायुसेना भी 22 अपाचे हेलीकॉप्टरों को अपने बेड़े में शामिल कर चुकी है।
 
 
निष्कर्ष
 
AH-64E अपाचे हेलीकॉप्टरों का भारतीय सेना में शामिल होना केवल एक रक्षा डिलीवरी नहीं, बल्कि भारत की सैन्य शक्ति, सांस्कृतिक आत्मविश्वास और रणनीतिक सोच का प्रतीक है। आधुनिक तकनीक और सनातन परंपरा के इस संगम ने एक बार फिर दिखा दिया है कि नया भारत अपनी सीमाओं की रक्षा पूरी ताकत और संस्कारों के साथ करता है।