कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण का एक बयान इन दिनों भारत ही नहीं, बल्कि पाकिस्तान तक में सुर्खियों का विषय बना हुआ है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर दिया गया उनका विवादित बयान ऐसा साबित हुआ है, जिसे राजनीतिक भाषा में ‘सेल्फ गोल’ कहा जा रहा है। हालात यह हैं कि जिस बयान को भारत में सेना के मनोबल पर हमला माना जा रहा है, उसी बयान को पाकिस्तान अपने प्रोपेगेंडा के लिए हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहा है।
आखिर पृथ्वीराज चव्हाण ने क्या कहा?
पुणे में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की एक बैठक को संबोधित करते हुए पृथ्वीराज चव्हाण ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर बेहद चौंकाने वाला दावा किया। उन्होंने कहा -
“7 तारीख को आधे घंटे तक जो हवाई युद्ध हुआ, उसमें भारत पहले ही दिन हार गया था। भारतीय विमान गिराए गए। एयर फोर्स पूरी तरह जमीन पर आ गई थी। अगर बठिंडा, सिरसा या ग्वालियर से कोई विमान उड़ता, तो पाकिस्तान उसे मार गिरा सकता था। इसलिए भारतीय वायुसेना को उड़ान भरने से रोक दिया गया।” चव्हाण ने यह भी कहा कि लोग इसे मानें या न मानें, लेकिन यही सच्चाई है।
पाकिस्तान के लिए ‘डूबते को तिनके का सहारा’
पृथ्वीराज चव्हाण का यह बयान पाकिस्तान के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं साबित हुआ। जिस पाकिस्तान को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान अपने आतंकी ठिकानों पर भारत की कार्रवाई के बाद अंतरराष्ट्रीय मंचों पर शर्मिंदगी उठानी पड़ी थी, उसे अब एक भारतीय नेता का बयान मिल गया। पाकिस्तानी मीडिया इसे इस तरह पेश कर रहा है जैसे भारत ने खुद अपनी हार स्वीकार कर ली हो।
पाकिस्तानी मीडिया में कैसे पेश किया गया बयान?
पाकिस्तान की चर्चित न्यूज वेबसाइट Pakistan Connect ने लिखा कि- “महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने माना है कि ऑपरेशन सिंदूर के पहले दिन भारत को पूरी तरह हार का सामना करना पड़ा।”
आगे लिखा गया कि भारतीय नेता ने स्वीकार किया है कि आधे घंटे की हवाई जंग में पाकिस्तान का पलड़ा भारी रहा और भारतीय वायुसेना उड़ान भरने की स्थिति में नहीं थी।
‘भारत ने विमान गिरने से इनकार किया, अब नेता मान रहे हैं’ - पाक मीडिया का तंज
पाकिस्तानी मीडिया ने इस बयान को भारत पर तंज कसने के लिए इस्तेमाल किया। खबरों में कहा गया कि “भारत लंबे समय से इस बात से इनकार करता रहा है कि उसके किसी विमान को गिराया गया, लेकिन अब उसके ही वरिष्ठ नेता यह स्वीकार कर रहे हैं।”
ग्वालियर, बठिंडा और सिरसा जैसे एयरबेस का जिक्र कर पाकिस्तानी मीडिया यह दिखाने की कोशिश कर रहा है कि पाकिस्तान की वायु रक्षा इतनी मजबूत थी कि भारत कोई जवाबी कार्रवाई नहीं कर सकता था।
डॉन न्यूज ने भी लपका बयान
पाकिस्तान के सबसे बड़े और प्रभावशाली अखबार डॉन (DAWN) ने भी पृथ्वीराज चव्हाण के बयान को प्रमुखता से छापा। डॉन ने लिखा कि “कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने भारतीय वायुसेना और ऑपरेशन सिंदूर को लेकर टिप्पणी की, जिसके बाद बीजेपी ने उन पर हमला बोला।” डॉन ने यह भी उल्लेख किया कि चव्हाण ने मराठी में बोलते हुए कहा कि भविष्य के युद्ध हवा में लड़े जाएंगे और इतनी बड़ी सैन्य ताकत बनाए रखने की जरूरत पर सवाल उठाए।
कांग्रेस और सेना: सवालों का पुराना इतिहास
यह पहला मौका नहीं है जब कांग्रेस के किसी नेता ने भारतीय सेना की कार्रवाई और शौर्य पर सवाल खड़े किए हों। सर्जिकल स्ट्राइक के बाद सबूत मांगे गए, एयर स्ट्राइक (बालाकोट) पर सवाल उठाए गए, आतंकियों के मारे जाने की संख्या पर संदेह जताया गया और अब ऑपरेशन सिंदूर, जिसमें पाकिस्तान के भीतर घुसकर 9 आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया गया उस पर भी हार का दावा। हर बार सेना के पराक्रम पर सवाल खड़े किए गए, और हर बार पाकिस्तान को बैठे-बिठाए एक नया नैरेटिव मिल गया।
सेना नहीं, राजनीति निशाने पर?
सबसे गंभीर सवाल यही है कि क्या सेना की कार्रवाइयों को राजनीतिक चश्मे से देखना सही है? क्या एक जिम्मेदार नेता को ऐसे बयान देने चाहिए, जिनका सीधा फायदा दुश्मन देश को हो?पृथ्वीराज चव्हाण का ताजा बयान केवल एक राजनीतिक टिप्पणी नहीं रह गया है, बल्कि यह भारत की सैन्य छवि, सैनिकों के मनोबल और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा विषय बन चुका है।
निष्कर्ष
आज जब भारत सीमाओं पर आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ रहा है, तब देश के भीतर से उठने वाली ऐसी आवाजें दुश्मन के लिए सबसे बड़ा हथियार बन जाती हैं। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारतीय सेना के साहस, रणनीति और संकल्प का प्रतीक है। लेकिन कांग्रेस नेता का यह बयान एक बार फिर यह सवाल खड़ा करता है कि क्या राजनीति, राष्ट्रहित से ऊपर रखी जा रही है? और क्या भारतीय सेना को बार-बार राजनीतिक लड़ाई का मोहरा बनाया जाना चाहिए?
यही वजह है कि पृथ्वीराज चव्हाण का बयान आज केवल विवाद नहीं, बल्कि कांग्रेस की सेना-विरोधी मानसिकता का प्रतीक बनकर सामने आ रहा है।