पाकिस्तान की राजनीति और सेना के बीच टकराव एक बार फिर खतरनाक मोड़ पर पहुंचता नजर आ रहा है। जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान पर पाकिस्तानी सेना ने अब तक का सबसे बड़ा और तीखा हमला बोला है। सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने इमरान ख़ान को सीधे तौर पर “राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा” करार दे दिया है। इतना ही नहीं, पाकिस्तानी सेना ने इमरान ख़ान की तुलना शेख मुजीबुर्रहमान से कर दी है—जिसे पाकिस्तान दशकों से “गद्दार” बताता रहा है, लेकिन जिसे बांग्लादेश आज अपने राष्ट्रपिता के रूप में पूजता है।
शेख मुजीबुर्रहमान का नाम लेकर इमरान पर वार
सेना के प्रवक्ता अहमद शरीफ चौधरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा:
“इमरान ख़ान पाकिस्तान के सबसे कुख्यात गद्दार शेख मुजीबुर्रहमान के रास्ते पर चल रहे हैं। जिस तरह मुजीब ने सेना को बदनाम किया, वही काम आज इमरान ख़ान कर रहे हैं।” लेकिन सच्चाई यह है कि शेख मुजीबुर्रहमान वही नेता थे जिन्होंने पूर्वी पाकिस्तान में पाकिस्तानी सेना के अत्याचारों के खिलाफ बंगाली लोगों को एकजुट किया।
पाकिस्तानी फौज के जुल्म, नरसंहार और दमन के खिलाफ उठी उसी लड़ाई के बाद 1971 में बांग्लादेश नाम से एक नए राष्ट्र का जन्म हुआ। आज उसी मुजीबुर्रहमान को “गद्दार” बताकर पाकिस्तान की सेना इमरान ख़ान को घेर रही है यह तुलना पाकिस्तान की सोच और उसके खतरनाक राजनीतिक चरित्र को उजागर करती है।
“इमरान ख़ान मानसिक रूप से अस्थिर हैं”
पाकिस्तानी सेना ने इमरान ख़ान पर मानसिक रूप से अस्थिर होने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह सिर्फ सेना-विरोधी राजनीति कर रहे हैं, विदेशी ताकतों से पाकिस्तान की आर्थिक मदद रोकने की अपील कर रहे हैं, ताकि देश दिवालिया हो जाए। धमकी भरे लहजे में कहा गया “हम सेना और अवाम के बीच किसी तरह की दरार बर्दाश्त नहीं करेंगे। सेना के खिलाफ लोगों को भड़काना देशद्रोह है।”
जेल में प्रताड़ना के आरोप और मौत की झूठी अफवाह
इधर इमरान ख़ान की बहनें पहले ही सार्वजनिक तौर पर आरोप लगा चुकी हैं कि इमरान को जेल में मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है। हाल ही में सोशल मीडिया पर उनकी मौत की खबर तक वायरल हो गई थी, जो बाद में झूठी साबित हुई, लेकिन इसने पाकिस्तान की जेल व्यवस्था और सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए।
क्या किसी बड़े एक्शन की जमीन तैयार हो रही है?
सेना के इन तीखे हमलों के बाद यह सवाल तेज हो गया है कि क्या इमरान ख़ान के खिलाफ किसी बड़े और निर्णायक कदम की तैयारी हो चुकी है? जेल में मुलाकातें सीमित कर दी गई हैं परिवार को अलग-थलग किया जा रहा है, मीडिया को दबाव में रखा जा रहा है। यह सब संकेत देते हैं कि मामला किसी खतरनाक दिशा में बढ़ रहा है।
पाकिस्तान का घटिया इतिहास:
दरअसल पाकिस्तान का इतिहास गवाह है कि वहां आज तक कोई भी प्रधानमंत्री अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया है। या तो उसे सेना ने सत्ता से बेदखल कर दिया, किसी की हत्या कर दी गई, किसी को जेल में डाल दिया गया, या फिर किसी को देश छोड़कर भागने पर मजबूर कर दिया गया। नवाज शरीफ हों, बेनज़ीर भुट्टो हों, इमरान ख़ान हों हर नेता का अंजाम एक जैसा रहा है।
यानी यह अब पूरी तरह साफ है कि पाकिस्तान में सरकार नहीं, सेना शासन करती है। वहां लोकतंत्र सिर्फ नाम का है, असली ताकत वर्दी के पास है। संविधान संशोधन के बाद आसिम मुनीर बना पाकिस्तान का सबसे ताकतवर व्यक्ति हाल ही में पाकिस्तान में हुए संविधान संशोधन के बाद सेना प्रमुख आसिम मुनीर को अभूतपूर्व शक्तियां दे दी गई हैं।
आज की स्थिति यह है कि वह केवल सेना प्रमुख नहीं बल्कि पाकिस्तान का सबसे ताकतवर इंसान बन चुका है, जिसकी शक्ति पर अब कोई संवैधानिक रोक-टोक नहीं बची है। यानि अब वह जो चाहेगा, वही करेगा, किसी संस्था की जवाबदेही नहीं, किसी लोकतांत्रिक नियंत्रण की सीमा नहीं यह स्थिति सिर्फ इमरान ख़ान के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे पाकिस्तान और दुनिया के लिए भी खतरनाक संकेत है।
विनाश की चौखट पर पाकिस्तान
शेख मुजीबुर्रहमान की मिसाल देकर इमरान ख़ान को गद्दार ठहराना, जेल में कथित प्रताड़ना, मौत की अफवाह, और सेना प्रमुख की असीमित ताकत ये सब मिलकर बता रहे हैं कि पाकिस्तान एक बार फिर ऐसे मोड़ पर आ खड़ा हुआ है, जहां से वापसी मुश्किल होती है।
अब सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्या इमरान ख़ान अगला शिकार बनने जा रहे हैं, या यह सिर्फ सत्ता के नशे में किया जा रहा मनोवैज्ञानिक दमन है? पाकिस्तान का भविष्य अब सिर्फ राजनीति से नहीं, बल्कि सेना की मर्जी से तय होने जा रहा है।