गुलमर्ग फैशन शो से NC को समस्या ? जम्मू-कश्मीर विधानसभा में हंगामा, BJP ने विवाद को बताया 'गैर-जरूरी'

    11-मार्च-2025
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Gulmarg fashion show
जम्मू-कश्मीर की विधानसभा में सोमवार को उस समय हंगामा मच गया जब गुलमर्ग में हाल ही में हुए एक फैशन शो को लेकर तीखी बहस छिड़ गई। यह शो रमजान के दौरान आयोजित किया गया था, जिसे लेकर कई राजनीतिक दलों और धार्मिक नेताओं ने नाराजगी जताई।
 
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस कार्यक्रम को 'अश्लील' बताते हुए कहा कि इससे धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं। जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई, नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC), पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) और दो निर्दलीय विधायकों ने इस मुद्दे को उठाया और पूछा कि रमजान के दौरान इस तरह का आयोजन कैसे हो सकता है। उन्होंने मामले की जांच की मांग की।
 
 
 
मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने जवाब देते हुए कहा कि सरकार ने पहले ही इस मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह एक निजी आयोजन था और इसके लिए सरकार से कोई अनुमति नहीं ली गई थी।
 
उमर अब्दुल्ला ने कहा, 'गुलमर्ग में हुए इस निजी आयोजन से लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं। इस तरह के कार्यक्रम कभी भी नहीं होने चाहिए। सरकार का इस फैशन शो से कोई लेना-देना नहीं है। आयोजकों ने हमसे कोई अनुमति नहीं ली थी। यह पूरी तरह से एक निजी आयोजन था, जो होटल के भीतर किया गया था।' उन्होंने कहा कि अगर इस आयोजन में किसी नियम का उल्लंघन हुआ है, तो मामले को पुलिस के हवाले कर देना चाहिए।
 
BJP ने विवाद को बताया ग़ैर जरूरी  
 
इस बीच, भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने इस पूरे विवाद को 'गैर-जरूरी' बताते हुए NC, PDP और कुछ धार्मिक नेताओं पर निशाना साधा।BJP विधायक रणबीर सिंह पठानिया ने कहा, 'कश्मीर घाटी में कट्टरता की आग भड़काई जा रही है। हमें सभी विचारों और दृष्टिकोणों के लिए एक स्वीकार्यता विकसित करने की जरूरत है।'
 
बीजेपी विधायक के इस बयान के बाद NC-कांग्रेस, PDP और बीजेपी के बीच तीखी बहस शुरू हो गई। सदन में करीब 25 मिनट तक हंगामा चलता रहा।
 
क्या है पूरा विवाद और कहां से शुरू हुआ?
 
7 मार्च को प्रसिद्ध डिज़ाइनर ब्रांड 'शिवन एंड नरेश' ने अपनी 15वीं एनिवर्सरी के मौके पर गुलमर्ग में एक फैशन शो आयोजित किया था। इस कार्यक्रम में उनकी स्की वियर कलेक्शन को प्रदर्शित किया गया। सोशल मीडिया पर इस फैशन शो के वीडियो और तस्वीरें वायरल होते ही लोगों ने रमजान के दौरान इस तरह के आयोजन पर सवाल उठाए। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इसे 'रमजान के पवित्र महीने में स्थानीय संवेदनशीलता की पूरी तरह से अनदेखी' करार दिया। इस विवाद के बाद जम्मू-कश्मीर सरकार ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।