जम्मू-कश्मीर एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने बडगाम ज़िले में एक बहुचर्चित भूमि मुआवज़ा घोटाले के मामले में 22 व्यक्तियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। इन आरोपियों में राज्य के दो प्रमुख शिया नेता — आगा सैयद रूहुल्लाह और आगा सैयद हसन — भी शामिल हैं। ACB द्वारा की गई इस कार्रवाई को भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ी पहल माना जा रहा है।
मामला क्या है?
यह मामला बडगाम के रख-ए-एर्थ क्षेत्र से जुड़ा है, जहां राजस्व अभिलेखों में हेराफेरी कर ज़मीन की मात्रा को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया गया, जिससे प्रभावित व्यक्तियों को वास्तविक से कहीं अधिक मुआवज़ा प्राप्त हुआ। यह मुआवज़ा डल झील के निवासियों के पुनर्वास के लिए जारी सरकारी योजना (आदेश संख्या 56-Rev(S) 2006) के तहत दिया गया था।
ACB की प्रारंभिक जॉइंट सरप्राइज़ चेक (JSC) में यह सामने आया कि रख और फ़ार्म विभाग के कुछ अधिकारी, राजस्व विभाग के कर्मियों और निजी लाभार्थियों की मिलीभगत से ज़मीन के कागज़ातों में हेरफेर कर रहे थे। इस प्रक्रिया में सरकारी खजाने को करीब ₹38.20 लाख का नुकसान हुआ।
हेराफेरी का तरीका
जांच में सामने आया कि संबंधित रिकॉर्ड में निम्नलिखित तरह की जालसाज़ी की गई:
- खसरा नंबर 1692 में दर्ज 6 कनाल ज़मीन को 60 कनाल बताया गया
- खसरा नंबर 1666/750 में 4 कनाल ज़मीन को 40 कनाल कर दिया गया
- खसरा नंबर 1736 में 2 कनाल ज़मीन को 7 कनाल 10 मरले दिखाया गया
इस तरह से दस्तावेज़ों की फर्ज़ी एंट्रियों के ज़रिए बड़े पैमाने पर फर्जी मुआवज़ा राशि हासिल की गई।
आरोपित सरकारी अधिकारी
सरकार द्वारा अभियोजन की अनुमति मिलने के बाद ACB ने जिन पूर्व सरकारी अधिकारियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है, वे हैं:
1. अब्दुल मजीद अख्तर – तत्कालीन पटवारी, रख और फ़ार्म विभाग
2. ज़फ़र अहमद हकाक – तत्कालीन सहायक निदेशक, रख और फ़ार्म विभाग
3. मंज़ूर अहमद राथर – तत्कालीन वरिष्ठ सर्कल इंस्पेक्टर, रख और फ़ार्म विभाग
4. अली मोहम्मद वानी – तत्कालीन गिरदावर, रख और फ़ार्म कश्मीर
5. हाफ़िज़-उल्लाह शाह – तत्कालीन कलेक्टर, LAWDA
6. मोहम्मद हुसैन मीर – तत्कालीन कलेक्टर, LAWDA
(सभी अधिकारी अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं।)
आरोपी निजी लाभार्थी
निजी व्यक्तियों की सूची में वे लोग शामिल हैं जिन्हें फर्जी दस्तावेज़ों के ज़रिए लाभ मिला। इन आरोपियों में प्रमुख राजनीतिक और धार्मिक नाम शामिल हैं:
आगा सैयद हसन,
आगा सैयद रूहुल्लाह,
आगा सैयद मूसा,
आगा सैयद अकील,
आगा सैयद मोहसिन,
आगा सैयद अली,
आगा सैयद अहमद– सभी बडगाम निवासी
मोहम्मद सादिक वानी,
मोहम्मद तालिब वानी,
अली मोहम्मद वानी,
गुलाम हुसैन वानी,
अब्दुल रहीम वानी,
हैदर अली वानी,
नज़ीर अहमद वानी
गुलाम रसूल वानी – सभी दरबल, बेमिना निवासी
- अहमदुल्ला डार (स्वर्गीय) – कोलीपोरा, बेमिना निवासी
अदालती कार्यवाही
यह चार्जशीट 12 अप्रैल 2025 को विशेष भ्रष्टाचार-निरोधक न्यायालय में पेश की गई। ACB के अनुसार, जांच में यह स्पष्ट हुआ है कि सरकारी पद का दुरुपयोग, आपराधिक साज़िश और सरकारी अभिलेखों में हेराफेरी कर सरकारी धन की हेराफेरी की गई है। न्यायालय में अब इस मामले की सुनवाई जारी है और सभी आरोपियों को कानून के अनुसार दंडित करने की प्रक्रिया चल रही है।
यह मामला जम्मू-कश्मीर में व्याप्त लंबे समय से जारी भ्रष्टाचार और सिस्टम में फैले जाल का एक बड़ा उदाहरण है। ACB की यह कार्रवाई न केवल भ्रष्टाचारियों के लिए चेतावनी है, बल्कि आम जनता को यह भरोसा भी देती है कि कानून से कोई ऊपर नहीं है। इस मामले की न्यायिक प्रक्रिया पर पूरे राज्य की नज़रें टिकी हुई हैं।