पहलगाम आतंकी हमला: क्या पाकिस्तान को अब कूटनीतिक रूप से पूरी तरह अलग-थलग करने का समय आ गया है?

23 Apr 2025 14:24:59

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Pahalgam Terror Attack : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार दोपहर हुए आतंकवादी हमले में 27 लोगों की मौत हो गई। पहलगाम की बैसरन घाटी में मंगलवार दोपहर 2.45 बजे हुए इस हमले में 20 से ज्यादा लोग घायल हैं। पहलगाम में 27 निर्दोष पर्यटकों पर हुआ यह हमला एक हमला नहीं बल्कि भारत की सहनशीलता, मानवता और शांति की उस नीति का अंतिम परीक्षण था जिसे दशकों से पाकिस्तान द्वारा लगातार ललकारा जाता रहा है।
 
हमले का क्रूर सच
 
बैसरन घाटी में हुए इस आतंकी हमले ने न सिर्फ मासूम ज़िंदगियों को लील लिया, बल्कि यह भी साफ कर दिया कि पाकिस्तान-प्रेरित आतंक अब भी कश्मीर की ज़मीन पर ज़हर बो रहा है। लश्कर-ए-तैयबा के विंग, 'द रजिस्टेंस फ्रंट (TRF)' ने इस वीभत्स हमले की जिम्मेदारी ली है — एक और बार पाकिस्तान के पाले-पोसे आतंकी संगठन ने इंसानियत को शर्मसार किया।
 
 
 
 
पहलगाम में मंगलवार दोपहर हुए आतंकवादी हमले में 27 लोगों की मौत हो गई। 20 से ज्यादा लोग घायल हैं। हमला उस वक्त किया गया, जब बैसरन घाटी में बड़ी तादाद में पर्यटक मौजूद थे। मृतकों में UP, गुजरात, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और ओडिशा के पर्यटक हैं। नेपाल और UAE के एक-एक टूरिस्ट और 2 स्थानीय भी मारे गए।
 
सुरक्षा और इंटेलिजेंस एजेंसियों ने पहलगाम अटैक के संदिग्ध आतंकियों के स्केच जारी किए हैं। इनके नाम आसिफ फौजी, सुलेमान शाह और अबु तल्हा बताए गए हैं। इंटेलिजेंस सूत्रों ने बताया कि इस हमले का मास्टर माइंड लश्कर-ए तैयबा का डिप्टी चीफ सैफुल्लाह खालिद है।
 
 
 
भारत सरकार क्या हो सकता है संभावित जवाब
इस हमले के बाद भारत सरकार कूटनीतिक, प्रशासनिक और आर्थिक स्तर पर कड़े कदम उठाने की योजना बना रही है। ये कदम पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अलग-थलग करने और भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में उठाए जा सकते हैं। कुछ प्रमुख विकल्प इस प्रकार हैं:
 
1. राजनयिक संबंधों में कटौती
 
पाकिस्तान उच्चायोग में मौजूद खुफिया एजेंटों को निष्कासित कर, उच्चायोग की जमीन को सरकार पुनः अधिग्रहित कर सकती है। यह भारत का पहला सख्त संकेत हो सकता है।
 
2. भारतीय राजनयिकों को इस्लामाबाद से वापस बुलाना
 
भारत और पाकिस्तान के बीच संवाद को औपचारिक रूप से न्यूनतम स्तर पर लाया जा सकता है — सिर्फ ईमेल तक सीमित।
 
3. इंडस जल संधि को स्थगित करना
 
सिंधु जल पर भारत की बड़ी उदारता अब पाकिस्तान की कृतघ्नता से टकरा रही है। ऐसे में संधि को निलंबित करना एक तार्किक कदम हो सकता है।
 
4. दुनिया को सच्चाई दिखाना
 
P5 देशों और अन्य वैश्विक ताकतों को भारत पाकिस्तान की भूमिका के पुख्ता सबूत दे सकता है — साथ ही विदेशी राजदूतों को घटनास्थल पर ले जाकर पीड़ित परिवारों से मिलवाना भी एक प्रभावी कदम होगा।
 
5. वीज़ा प्रतिबंध और करतारपुर कॉरिडोर बंद करना
 
भारत पाकिस्तानी नागरिकों के लिए वीज़ा पर पूर्ण प्रतिबंध लगाकर और करतारपुर कॉरिडोर को बंद करके पाकिस्तान की कथित "धार्मिक कूटनीति" को कटघरे में ला सकता है।
 
6. सीमा पार व्यापार और समारोहों पर पूर्ण विराम
 
 
भारत-पाक व्यापारिक संबंध पहले से ही ठप हैं, लेकिन भारत तीसरे देशों के माध्यम से होने वाले व्यापार को भी रोक सकता है। वहीं, अटारी-वाघा पर होने वाले झंडा उतारने जैसे सांकेतिक आयोजनों को भी बंद करना चाहिए।
 
भारत की छवि और वैश्विक समर्थन
 
भारत अब सिर्फ प्रतिक्रिया नहीं, एक व्यापक रणनीति की ओर बढ़ रहा है — जहां आतंक का जवाब केवल बंदूकों से नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बेनकाबी से दिया जाएगा। यह दुनिया को यह दिखाने का वक्त है कि "अब काफी हो चुका"।
क्या यह पर्याप्त होगा?
अब यह प्रश्न उठता है कि क्या ये कूटनीतिक और प्रतीकात्मक कदम पाकिस्तान को रुकने पर मजबूर करेंगे? शायद नहीं। पर ये भारत की मंशा, दृढ़ता और अब किसी भी हद तक जाने के संकल्प का स्पष्ट संकेत अवश्य देंगे। पहले से ही दुनिया भर में अलग थलग पड़े आतंक परस्त पाकिस्तान के खिलाफ अगर भारत इस तरह से कुटनीतिक कार्रवाई करता है तो यकीनन इससे पाकिस्तान को एक बड़ा झटका लगेगा। साथ ही वैश्विक मंच से भी पाकिस्तान के खिलाफ आतंकवाद को ख़त्म करने की आवाज उठ सकती है।  
 
 
बहरहाल जब एक पत्नी अपने पति की लाश को देखकर बेसुध हो जाती है, जब 27 टूरिस्ट अपने जीवन के सबसे खूबसूरत पल को मौत में बदलते हुए देखते हैं — तब एक राष्ट्र चुप नहीं रह सकता। अब समय आ गया है कि भारत आतंक के स्रोत को बिना किसी संकोच के सीधे निशाना बनाए — कूटनीतिक रूप से, आर्थिक रूप से, और जहाँ ज़रूरत हो, वहाँ अन्य उपायों से भी।
अर्नव मिश्रा (उज्जवल)
 
 
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