भारत ने एक बार फिर आतंक के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करते हुए 7 मई को पाकिस्तान की धरती पर मौजूद आतंकवादियों को निशाना बनाया। भारतीय सरकारी सूत्रों के अनुसार, इस कार्रवाई में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे कुख्यात आतंकी संगठनों से जुड़े कई शीर्ष आतंकी मारे गए। ये वही आतंकी हैं जिन्हें पाकिस्तान में न केवल संरक्षण प्राप्त था, बल्कि राज्य संरक्षित सम्मान भी दिया जाता था।
1. मुदस्सर खड़ीयां खास उर्फ़ अबू
प्रतिबंधित आतंकी संगठन: लश्कर-ए-तैयबा
आतंकी मुदस्सर, मुरिदके स्थित मरकज़ तैयबा का प्रमुख था, जिसे भारतीय सेना ने मिसाइल अटैक में उड़ा दिया। उसकी मौत के बाद पाकिस्तान सरकार और सेना ने जिस प्रकार उसे “राजकीय सम्मान” दिया, उसने पाकिस्तानी हुकूमत और सेना की आतंकी संरक्षक भूमिका को एक बार फिर बेनकाब कर दिया।
पाकिस्तानी सेना ने उसे 'गार्ड ऑफ ऑनर' दिया, जैसे मानों वो आतंकी सेना का या सरकार का कोई बड़ा नुमाइंदा था। आतंकी मुदस्सर के जनाजे में पाकिस्तानी आर्मी चीफ और पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज़ की ओर से पुष्पचक्र अर्पित किए गए।
जनाज़े की नमाज़ एक सरकारी स्कूल में हुई, जिसे वैश्विक आतंकी घोषित हाफिज अब्दुल रऊफ ने पढ़ाया। आज वो तस्वीर पूरी दुनिया के सामने है। सेवारत लेफ्टिनेंट जनरल और पंजाब पुलिस के आईजी ने आतंकी मुदस्सर के शोक सभा में भाग लिया।
2. आतंकी हाफिज मुहम्मद जमील
प्रतिबंधित आतंकी संगठन: जैश-ए-मोहम्मद
आतंकी जमील, जैश सरगना मौलाना मसूद अजहर का सबसे बड़ा साला था और बहावलपुर स्थित मरकज़ सुब्हान अल्लाह का प्रमुख था। जैश के इस आलिशान आतंकी ठिकानें को 7 मई की देर रात भारतीय सेना ने मिट्टी में मिला दिया।
आतंकी हाफिज जमील युवाओं को कट्टरपंथी बनाने और जैश के लिए चंदा इकट्ठा करने में अहम भूमिका निभा रहा था। उसकी मौजूदगी पाकिस्तान के अंदर कट्टरपंथी नेटवर्क की गहराई को दर्शाती है। जमील का मारा जाना मसूद अजहर को बड़ा झटका था।
3. मोहम्मद यूसुफ अजहर उर्फ़ उस्ताद जी उर्फ़ मोहम्मद सलीम उर्फ़ घोसी साहब
प्रतिबंधित आतंकी संगठन: जैश-ए-मोहम्मद
आतंकी मसूद अजहर का छोटा साला — यूसुफ अजहर जैश-ए-मोहम्मद आतंकी संगठन का हथियार प्रशिक्षण प्रभारी था।
जम्मू-कश्मीर में हुए कई आतंकी हमलों में उसका नाम शामिल रहा।
वर्ष 1999 के IEC-814 विमान हाईजैक मामले में वह भारत का Wanted आतंकी भी था।
आतंकी यूसुफ अजहर की मौत भारत के लिए एक बड़ी रणनीतिक उपलब्धि मानी जा रही है।
4. खालिद उर्फ़ अबू आकाशा
प्रतिबंधित आतंकी संगठन: लश्कर-ए-तैयबा
आतंकी खालिद ने जम्मू-कश्मीर में कई आतंकी हमलों को अंजाम दिया था और अफगानिस्तान से हथियारों की तस्करी में लिप्त था। उसका अंतिम संस्कार फैसलाबाद में हुआ, जहाँ पाकिस्तानी सेना के वरिष्ठ अधिकारी और डिप्टी कमिश्नर मौजूद थे।
यह उपस्थिति यह स्पष्ट करती है कि पाकिस्तानी प्रशासन इन आतंकियों को केवल बर्दाश्त ही नहीं करता, बल्कि उनका संरक्षक भी है।
5. मुहम्मद हसन खान
प्रतिबंधित आतंकी संगठन: जैश-ए-मोहम्मद
आतंकी हसन खान, प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जैश के पाकिस्तान अधिक्रांत जम्मू कश्मीर में ऑपरेशनल कमांडर मुफ़्ती असग़र खान कश्मीरी का बेटा था।
वह जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों के समन्वय में लगा हुआ था। उसकी मौत से जैश की कमांड संरचना को बड़ा झटका लगा है।
पाकिस्तान के घर में घुसकर 7 मई को की गई भारतीय सेना की यह महत्वपूर्ण स्ट्राइक सिर्फ 5 आतंकियों की मौत नहीं है — यह पाकिस्तान की आतंकी फैक्ट्री पर सीधी चोट है। इन आतंकियों को जिस प्रकार पाकिस्तानी सेना, प्रशासन और सरकार द्वारा संरक्षण मिला, वह इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि पाकिस्तान आज भी आतंकवाद का गढ़ बना हुआ है। चाहे पाकिस्तान भले ही दुनिया के सामने अपनी हकीकत पर पर्दा डालकर वैश्विक महाशक्तियों की आँखों में धुल झोंकें, लेकिन जो हकीकत है वो आज दुनिया के सामने है।
भारत ने 7 मई को यह सिद्ध कर दिया कि अब आतंक का जवाब सीमाओं में नहीं, दुश्मन की जमीन पर जाकर दिया जाएगा। यह कार्रवाई आने वाले समय में आतंक के आकाओं के लिए एक स्पष्ट संदेश है — भारत अब सिर्फ सहन नहीं करेगा, जवाब देगा... और करारा देगा।