Indus Water Treaty पर ख़ास बातचीत संत कुमार शर्मा के साथ

24 May 2025 13:23:25
 
 
1960 में विश्व बैंक की मध्यस्थता से भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल संधि पर हस्ताक्षर हुए थे। इस ऐतिहासिक समझौते के अंतर्गत भारत ने सहमति जताई कि वह सिंधु, झेलम और चेनाब नदियों का अधिकांश जल पाकिस्तान को उपयोग करने देगा, जबकि रावी, ब्यास और सतलुज भारत के हिस्से में आए। यह संधि इसलिए खास थी क्योंकि भारत ने तीन युद्धों और सैकड़ों आतंकवादी हमलों के बावजूद इस संधि की भावना को निभाया।
 
#DecodingWithJKNow पर देखिए हमारी खास बातचीत वरिष्ठ पत्रकार और 'Indus Waters Treaty' किताब के लेखक संत कुमार शर्मा (@santjk) जी के साथ।
क्या भारत खुद अपनी नदियों से अपने ही खिलाफ आतंक को पोषित कर रहा है?
 
सिंधु जल संधि — क्या यह भारत के खिलाफ एक ‘मूक हथियार’ बन चुकी है?
 
जब कूटनीति, राष्ट्रीय हितों को दबा दे — क्या ऐसी संधियाँ अब भी जारी रहनी चाहिएं?
 
अगर पानी, भारत के आतंक के खिलाफ युद्ध में एक हथियार बन जाए तो?
 
यह केवल इतिहास नहीं, बल्कि एक भू-राजनीतिक चेतावनी है।
 
जानिए, कैसे 64 साल पुरानी एक संधि आज भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित कर रही है।
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
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