आत्मनिर्भरता से सशक्त होती भारतीय सेना ; AI से लैस स्वचालित घातक हथियार का सफल परीक्षण

पलक झपकते दुश्मनों का काम होगा तमाम

    10-जून-2025
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Negev LMG AI indian army
 
भारतीय सेना ने भविष्य के युद्ध की ओर एक बड़ा और निर्णायक कदम बढ़ाया है। अब देश की रक्षा सिर्फ जवानों की बहादुरी पर नहीं, बल्कि अत्याधुनिक तकनीक से लैस आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित हथियारों पर भी निर्भर होगी। हाल ही में भारत ने एक ऐसा स्वचालित घातक हथियार प्रणाली तैयार की है, जो बिना मानवीय हस्तक्षेप के दुश्मन की पहचान कर उसे खत्म करने में सक्षम है।
 
 
क्या है यह AI आधारित हथियार?
 
 
इस अत्याधुनिक हथियार का नाम है — Autonomous Lethal Weapon System: Negev LMG (Light Machine Gun)। यह हथियार AI तकनीक से लैस है, जो दुश्मन की पहचान कर खुद ही निशाना साध सकता है और फायरिंग कर सकता है। यह उन क्षेत्रों में उपयोगी है जहाँ सैनिकों की जान को अत्यधिक खतरा होता है या मौसम और भौगोलिक परिस्थितियाँ मानवीय उपस्थिति के अनुकूल नहीं होतीं।
 
 
 
 
 
कैसे काम करता है यह सिस्टम?
 
 
यह ऑटोनोमस सिस्टम लगातार अपने क्षेत्र की निगरानी करता है। जब यह किसी संदिग्ध या शत्रु गतिविधि को पहचानता है, तो बिना किसी मानवीय आदेश के तुरंत प्रतिक्रिया करता है। इसमें कैमरे, सेंसर और एक उन्नत AI-सिस्टम लगा है, जो इंसानी चेहरों और गतिविधियों के आधार पर 'दोस्त' और 'दुश्मन' की पहचान कर सकता है।
 
 
14,000 फीट की ऊँचाई पर सफल परीक्षण
 
 
इस हथियार का सफल परीक्षण देहरादून स्थित 'BSS Material' कंपनी ने भारतीय सेना के साथ मिलकर किया है। परीक्षण स्थल कोई आम मैदान नहीं, बल्कि 14,000 फीट की ऊँचाई वाला दुर्गम इलाका था — जहाँ आमतौर पर इंसानों की उपस्थिति बेहद चुनौतीपूर्ण होती है। इतनी कठिन ऊँचाई पर परीक्षण का सफल होना इस प्रणाली की तकनीकी दक्षता और मजबूती को दर्शाता है।
 
 
इसके फायदे क्या हैं?
 
 
पूर्णतः मानव-रहित संचालन – यह सिस्टम उन इलाकों में बेहद कारगर होगा जहाँ पर जवानों की जान को खतरा रहता है, जैसे ऊँचाई वाले पोस्ट, दुर्गम सीमाई क्षेत्र और आतंक प्रभावित ज़ोन।
 
 
तेज निर्णय क्षमता – यह सेकंडों में दुश्मन को पहचानकर फायर करता है, जिससे किसी भी प्रकार के हमले या घुसपैठ को पहले ही नाकाम किया जा सकता है।
 
 
खराब मौसम में भी काम – बारिश, बर्फबारी या कोहरे जैसे हालात में भी यह प्रणाली प्रभावी बनी रहती है।
 
 
पाकिस्तान के लिए बन सकता है काल
 
 
भारतीय सीमाओं पर पाकिस्तान की ओर से अक्सर होने वाली घुसपैठ और सीमा पार हिंसक गतिविधियों को देखते हुए यह हथियार बेहद कारगर सिद्ध हो सकता है। यह न सिर्फ घुसपैठियों की पहचान करेगा, बल्कि उन्हें त्वरित प्रतिक्रिया के साथ निष्क्रिय भी कर देगा। यही कारण है कि इसे रणनीतिक तौर पर "पाकिस्तान के लिए काल" की संज्ञा दी जा रही है।
 
 
भारत की बढ़ती सीमाई सतर्कता
 
 
भारत अपनी सीमाओं को सुरक्षित करने के लिए कई स्तरों पर काम कर रहा है। हाल ही में BSF (Border Security Force) ने भी सीमाई फेंसिंग को अपग्रेड करना शुरू किया है। पुराने बाड़ों को हटाकर नए, तकनीक-समर्थ बाड़े लगाए जा रहे हैं। इसके अलावा, BSF जवानों को विशेष प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है ताकि वो AI आधारित तकनीकों के साथ तालमेल बिठा सकें।
 
 
तकनीक और सेना का नया युग
 
 
AI और ऑटोनोमस टेक्नोलॉजी का रक्षा क्षेत्र में इस्तेमाल 21वीं सदी के युद्धों की नई परिभाषा लिख रहा है। भारत का यह प्रयास न सिर्फ हमारी सीमाओं को और अधिक सुरक्षित करेगा, बल्कि यह भी सिद्ध करेगा कि भारत अब केवल रक्षा सामग्री आयात करने वाला नहीं, स्वदेशी और उन्नत सैन्य टेक्नोलॉजी विकसित करने वाला राष्ट्र बन चुका है।
 
 
Negev LMG आधारित यह AI ऑटोनोमस लीथल वेपन सिस्टम सिर्फ एक तकनीकी उपकरण नहीं, बल्कि भारत की रणनीतिक सोच और आत्मनिर्भर रक्षा नीति का प्रत्यक्ष प्रमाण है। यह सिस्टम जहां एक ओर दुश्मनों के लिए भय का पर्याय बनेगा, वहीं भारत के वीर सैनिकों की सुरक्षा का एक नया कवच भी सिद्ध होगा।