भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में हुए संघर्ष को आज 5 साल पूरे हो गए हैं। आज के ही दिन वर्ष 2020 में दोनों देशों की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प हुई थी। इस झड़प में भारतीय सेना के वीर जवानों ने चीन के 40 से ज्यादा सैनिकों को ढेर कर दिया था।
हालाँकि इस हिंसक झड़प में भारतीय सेना के 20 जवान वीरगति को प्राप्त हो गए थे। जिसमें कर्नल समेत हवलदार, नायब सूबेदार और सिपाही रैंक के जवान शामिल थे। गौरतलब है कि बीते कई वर्षों से वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत-चीन के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है। तब पूर्वी लद्दाख के गलवान में हुई हिंसा ने दोनों देशों के रिश्तों में और भी ज्यादा तनाव पैदा कर दिया था। गलवान संघर्ष की आज तीसरी वर्षगांठ पर देश की रक्षा हेतु अपने प्राण न्योछावर करने वाले उन सभी वीर बलिदानियों को हम नमन करते हैं।
जानिए LAC पर वीरगति को प्राप्त हुए कर्नल समेत 20 जवान कौन हैं –
1. कर्नल संतोष बाबू गलवान में चीनी सैनिकों से हुए हिंसक झड़प में वीरगति को प्राप्त हो गए थे। अमर बलिदानी कर्नल संतोष बाबू तेलंगाना के रहने वाले थे। कर्नल संतोष बाबू 16-बिहार रेजिमेंट में थे और वो वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर बीते डेढ़ साल से तैनात थे।
2. दूसरे जवान की पहचान 40 वर्षीय हवलदार के. पलानी के रूप में हुई है। अमर बलिदानी जवान पलानी तमिलनाडु के मुदैरे ज़िले के रहने वाले थे। पलानी बीते 22 सालों से भारतीय सेना में थे।
3. वीरगति को प्राप्त हुए जवानों में झारखंड के जवान कुंदन ओझा भी शामिल हैं। कुंदन झारखंड के साहिबगंज ज़िले के डिहारी गांव के रहने वाले थे। वो बिहार रेजिमेंट में थे। अमर बलिदानी कुंदन बीते 8 वर्षों से भारतीय सेना मेंं थे।
4. वीरगति को प्राप्त नायब सूबेदार नदुराम सोरेन ओडिशा के मयूरभंज जिला के रहने वाले थे। नायब सूबेदार नदुराम बीते 24 सालों से सेना में थे।
5. वीरगति को प्राप्त नायब सूबेदार मनदीप सिंह पंजाब राज्य के पटियाला के रहने वाले थे। नायब सुबेदार बीते 23 वर्षों से सेना में थे।
6. वीरगति को प्राप्त हवलदार सुनील कुमार बिहार राज्य के पटना के रहने वाले थे।
7. वीरगति को प्राप्त विपुल राय उत्तर प्रदेश के मेरठ शहर के रहने वाले थे। विपुल राय बीते 17 वर्षों से सेना में थे।
8. वीरगति को प्राप्त जवान राजेश ओरंग बंगाल के बीरगम के रहने वाले थे। राजेश 2015 में भारतीय सेना में भर्ती हुये थे।
9. वीरगति को प्राप्त जवान गणेश राम छत्तीसगढ़ के कांकेर शहर के रहने वाले थे। गणेश राम बीते 9 सालों से भारतीय सेना में थे।
10. वीरगति को प्राप्त सिपाही चंद्रकांता प्रधान ओडिशा के कंधमाल जिला के रहने वाले थे। सिपाही चंद्रकांता ने साल 2013 में सेना में भर्ती हुए थे।
11. वीरगति को प्राप्त सिपाही अंकुश ठाकुर हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर के रहने वाला थे। अंकुश ठाकुर साल 2018 में पंजाब रेजीमेंट में भर्ती हुए थे।
12. वीरगति को प्राप्त सिपाही गुरबिंदर पंजाब के संगरूर जिले के रहने वाले थे। गुरबिंदर साल 2018 में ही सेना में भर्ती हुए थे।
13. वीरगति को प्राप्त सिपाही चंदन कुमार बिहार के भोजपुर के रहने वाले थे। चंदन ने 3 वर्ष पहले 2017 में सेना में भर्ती हुए थे।
14. वीरगति को प्राप्त सिपाही कुंदन कुमार भी बिहार के सहरसा शहर के रहने वाले थे। कुंदन कुमार बीते 8 सालों से सेना में थे।
15. वीरगति को प्राप्त सिपाही अमन कुमार भी बिहार के ही समस्तीपुर जिले के रहने वाले थे। सिपाही अमन साल 2014 में सेना में भर्ती हुए थे।
16. वीरगति को प्राप्त सिपाही जय किशोर बिहार के वैशाली जिले के रहने वाले थे। सिपाही जयकिशोर भी बीते 2018 में सेना में भर्ती हुए थे।
17. वीरगति को प्राप्त सिपाही गणेश हंसदा झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिला के रहने वाले थे। सिपाही गणेश बीते साल 2018 में ही सेना में भर्ती हुए थे।
18. वीरगति को प्राप्त सिपाही गुरतेज सिंह पंजाब के मानसा जिले के रहने वाले थे। गुरतेज भी बीते दो वर्ष पहले 2018 में सेना में भर्ती हुए थे।
19. बलिदानी नायब सूबेदार सतनाम सिंह भी पंजाब राज्य के गुरुदासपुर के रहने वाले थे। शहीद नायब सूबेदार सतनाम सिंह बीते 25 वर्षों से सेना में थे।
20. बलिदानी नायक दीपक सिंह मध्य प्रदेश के रीवा शहर के रहने वाले थे। शहीद दीपक सिंह बीते 8 सालों से सेना में थे।