#AmarnathYatra2025 : मौसम निगरानी के लिए प्रशासन का पुख्ता इंतज़ाम, श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोपरि

    19-जून-2025
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amarnath yatra 2025
 
AmarnathYatra2025 : जम्मू-कश्मीर में आगामी अमरनाथ यात्रा 2025 से पहले श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए विस्तृत मौसम निगरानी प्रणाली तैयार की जा रही है। पवित्र गुफा के साथ-साथ पूरे यात्रा मार्ग पर अस्थायी मौसम केंद्र, अत्याधुनिक डॉप्लर रडार, और मोबाइल एप आधारित अपडेट के माध्यम से मौसम से जुड़ी हर जरूरी जानकारी यात्रियों को समय रहते दी जाएगी।
 
 
यात्रा मार्ग पर अस्थायी मौसम केंद्र स्थापित
 
 
श्रद्धालुओं को मौसम की सटीक जानकारी देने के लिए श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड द्वारा पवित्र गुफा के अलावा पंजतरणी, चंदनबाड़ी, बालटाल सहित 7 से 8 प्रमुख स्थानों पर अस्थायी मौसम निगरानी केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं। इन केंद्रों से यात्रा मार्ग पर दो से तीन घंटे पहले मौसम का पूर्वानुमान उपलब्ध होगा, जिससे किसी भी आपात स्थिति से बचाव सुनिश्चित किया जा सकेगा।
  
 
मोबाइल एप और वेबसाइट से मिलेगा ताज़ा अपडेट
 
 
श्रद्धालुओं को मौसम की जानकारी श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड के मोबाइल एप और आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से भी दी जाएगी। जून के अंत तक यह सुविधा पूरी तरह सक्रिय हो जाएगी। बोर्ड की वेबसाइट पर हर जत्थे की रवानगी से पहले और यात्रा के दौरान हर 3 से 7 दिन की विस्तृत मौसम रिपोर्ट अपलोड की जाएगी।
 
 
डॉप्लर रडार से रियल टाइम निगरानी
 
 
यात्रा मार्ग की निगरानी के लिए जम्मू, श्रीनगर और बनिहाल में अत्याधुनिक डॉप्लर रडार प्रणाली सक्रिय की जा रही है।
 
 
* जम्मू और श्रीनगर के रडार विद्युत आपूर्ति पर,
 

* जबकि बनिहाल का रडार डीजी सेट पर संचालित होगा।
 
 
इन रडारों की मदद से 100 किलोमीटर के हवाई क्षेत्र की निगरानी संभव होगी, जिससे बादल फटना, भारी वर्षा, आंधी या बाढ़ जैसी घटनाओं की पूर्व चेतावनी जारी की जा सकेगी।
 
 
यात्रा कार्यक्रम और सुरक्षा प्रबंध
 
 
* 2 जुलाई को भगवती नगर, जम्मू से अमरनाथ यात्रा का पहला जत्था रवाना होगा।
 

* यह जत्था 3 जुलाई को बालटाल मार्ग से बाबा बर्फानी के दर्शन हेतु पहुंचेगा।
 

* पहलगाम मार्ग से जाने वाले जत्थे को 2 से 3 दिन अतिरिक्त लगेंगे।
 

* 1 जुलाई को, यानी जत्थे की रवानगी से एक दिन पहले, मौसम विज्ञान केंद्र श्रीनगरद्वारा विशेष मौसम बुलेटिन जारी किया जाएगा।
 
 
यदि मौसम अधिक खराब होने की संभावना रही, तो जत्थे की यात्रा को एहतियातन स्थगित भी किया जा सकता है।
 
 
पिछले हादसों से सबक, अब चौकसी अधिक
 
 
हाल के वर्षों में अमरनाथ यात्रा मार्ग पर मौसम के अचानक बिगड़ने के कई मामले सामने आए हैं:
 
  
* 2010: गुफा के पास बादल फटा, लेकिन कोई नुकसान नहीं हुआ।
 

* 2021: 28 जुलाई को बादल फटने से 3 यात्री फंसे, जिन्हें सुरक्षित निकाला गया।
 

* 2022: 9 जुलाई को गुफा के पास सैलाब आने से 16 श्रद्धालुओं की मृत्यु हो गई, कई अन्य घायल हुए। 
 
 
इन्हीं अनुभवों को ध्यान में रखते हुए इस बार मौसम संबंधी तकनीकी व्यवस्थाओं को अत्यधिक संवेदनशील और सक्रिय बनाया गया है।
 
 
मौसम विज्ञान केंद्र की तैयारी पूरी
 
 
मौसम विज्ञान केंद्र श्रीनगर के निदेशक डॉ. मुख्तियार अहमद के अनुसार, जून के अंत तक सभी मौसम निगरानी प्रणाली पूरी तरह सक्रिय कर दी जाएंगी। इसमें शॉर्ट टर्म (3 घंटे) और मीडियम टर्म (3–7 दिन) की पूर्वानुमान रिपोर्ट जारी की जाएगी, जिन्हें श्राइन बोर्ड और प्रशासन के साथ साझा किया जाएगा। इस वर्ष की अमरनाथ यात्रा में श्रद्धालुओं की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। तकनीक, समन्वय और सतर्कता के समन्वय से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि हर यात्री सुरक्षित, व्यवस्थित और श्रद्धा के साथ बाबा बर्फानी के दर्शन कर सके।