भारतीय सेना की नई छलांग : AK-203 राइफल से लैस 'घातक ड्रोन', अब दुश्मनों पर होगा सटीक वार

    26-जून-2025
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Indian Army inducts AK-203 armed smart drones
 
भारत की सैन्य शक्ति एक नए युग में प्रवेश कर चुकी है। आधुनिक युद्ध अब केवल टैंक, तोप और राइफलों तक सीमित नहीं है अब युद्ध की भाषा बदल रही है और उसके केंद्र में हैं ड्रोन, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) और स्मार्ट टेक्नोलॉजी। इसी दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए भारत ने एक ऐसा ड्रोन विकसित किया है, जो न सिर्फ उड़ता है, बल्कि दुश्मनों पर AK-203 असॉल्ट राइफल से सीधा हमला भी कर सकता है।
 
 
कौन बना रहा है यह घातक हथियार?
 
 
इस एडवांस्ड ड्रोन सिस्टम को भारत सप्लाई एंड सपोर्ट (BSS) एलायंस द्वारा विकसित किया गया है। यह वही कंपनी है जो आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत रक्षा क्षेत्र में कई नवाचार कर रही है। इस ड्रोन को भारतीय सेना की जरूरतों और भविष्य की चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है।
 
 
 
 
AK-203 राइफल से लैस यह ड्रोन आखिर करता क्या है?
 
 
यह कोई साधारण निगरानी ड्रोन नहीं है। यह एक हथियारबंद प्लेटफॉर्म है, जो दुश्मन की गतिविधियों पर नजर रखने के साथ-साथ सीधे सशस्त्र हमला भी कर सकता है।
 
 
विशेषताएं:
 
 
AK-203 राइफल से लैस: यह अत्याधुनिक रूसी तकनीक वाली असॉल्ट राइफल बेहद घातक होती है, जिसे अब ड्रोन से जोड़ दिया गया है।
 
 
* 15-25 किमी की ऑपरेशनल रेंज: यानी यह ड्रोन सीमा पार या दुर्गम क्षेत्रों में भी आसानी से पहुँच सकता है।
 
 
* 45-60 मिनट की उड़ान क्षमता: लंबे समय तक हवा में रहकर टारगेट की ट्रैकिंग और हमला करने में सक्षम।
 
 
* कम ऊंचाई से हमला: यह दुश्मन के रडार से बचते हुए बेहद कम ऊँचाई पर उड़ता है, जिससे इसे पहचानना मुश्किल हो जाता है और हमला एकदम अचूक होता है।
 
 
क्यों जरूरी है ऐसा ड्रोन भारत के लिए?
 
 
 1. हाईब्रिड वॉरफेयर का दौर
 
 
आज युद्ध सिर्फ मोर्चों पर नहीं लड़े जाते, बल्कि जंगलों, शहरों, बर्फीले इलाकों और यहां तक कि साइबर स्पेस में भी लड़े जाते हैं। ऐसे में सेना को चाहिए ऐसे हथियार जो तेज, लचीले और घातक हों और यही भूमिका यह ड्रोन निभाता है।
 
 
2.पाकिस्तान और चीन की चुनौतियाँ:
 
 
सीमा पर पाकिस्तानी घुसपैठ, ड्रोन से ड्रग्स/हथियार गिराना और चीन की तकनीकी आक्रामकता इन सभी का जवाब एक ही तकनीक में छिपा है: ‘स्मार्ट कॉम्बैट ड्रोन’।
 
 
3. सेना में मानव जीवन की सुरक्षा:
 
 
ड्रोन से हमले का एक बड़ा लाभ यह है कि उसमें सैनिकों को जान जोखिम में डालने की जरूरत नहीं पड़ती। यानी 'बिना जवान खोए, दुश्मन को खत्म करना' यही है इस तकनीक की असली ताकत।
 
 
 ड्रोन वारफेयर की ओर बढ़ता भारत
 
 
भारत पहले ही दुनिया को यह दिखा चुका है कि वह सिर्फ रक्षा उपकरणों का आयातक नहीं, बल्कि अब डिफेंस टेक्नोलॉजी का निर्माता (Manufacturer) बन चुका है।
 
 
* स्वदेशी टैंक
 
 
* स्वदेशी फाइटर जेट (LCA तेजस)
 
 
* अब स्वदेशी हथियारबंद ड्रोन
 
 
यह सब इस बात का संकेत है कि भविष्य का युद्ध अब भारतीय तकनीक से लड़ा जाएगा।
 
 
विश्व को भारत का संदेश:
 
 
जिस तरह अमेरिका ने अफगानिस्तान और मध्य-पूर्व में ड्रोन से सटीक हमले कर विश्व को चौंकाया था, उसी राह पर अब भारत भी चल पड़ा है लेकिन अपने स्वदेशी संसाधनों और आत्मनिर्भरता के साथ। यह घातक ड्रोन केवल एक सैन्य उपकरण नहीं, बल्कि भारत की रणनीतिक सोच, तकनीकी क्षमता और आत्मनिर्भर रक्षा नीति का प्रतीक है।
 
 
यह ड्रोन सिस्टम न केवल दुश्मनों को चौंकाने और खत्म करने की क्षमता रखता है, बल्कि यह भारतीय सेना को 21वीं सदी की सबसे स्मार्ट और आधुनिक सेनाओं में शामिल करता है। AK-203 से लैस यह उड़ता योद्धा अब भारत की सीमाओं की निगरानी भी करेगा और जरूरत पड़ने पर दुश्मन का सफाया भी। अब दुश्मनों को सावधान हो जाना चाहिए भारत सिर्फ देखता नहीं, अब ड्रोन से वार भी करता है!