आतंकवाद पर कोई समझौता नहीं ; SCO घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर से भारत का इनकार

26 Jun 2025 11:38:03
 
 India Refuses to Sign SCO Joint Statement
 

SCO Summit : चीन के किंगदाओ में आयोजित शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के रक्षा मंत्रियों की बैठक में भारत ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया कि आतंकवाद पर उसकी नीति "जीरो टॉलरेंस" की है और इसमें किसी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा। बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संयुक्त घोषणापत्र (Joint Statement) पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर पाकिस्तान और आतंकवाद समर्थक देशों को कड़ा संदेश दिया।

 
घोषणापत्र पर हस्ताक्षर से इनकार क्यों?
 

राजनाथ सिंह ने संयुक्त बयान पर इसलिए हस्ताक्षर नहीं किए क्योंकि उसमें आतंकवाद को लेकर भारत की गहरी चिंताओं को पूरी तरह शामिल नहीं किया गया था। इस कदम के पीछे भारत का मुख्य उद्देश्य यह था कि घोषणा पत्र में क्रॉस बॉर्डर टेररिज्म' का उल्लेख हो...भारत चाहता था कि पाकिस्तान का साफ़ तौर पर नाम ना लेते हुए भी आतंकवाद, पहलगाम हमले जैसे अनेक आतंकी घटनाओं को जगह दी जाए जोकि पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित हैं।

 
हालाँकि चीन ने अपने चहेते पाकिस्तान को बचाने के लिए ऐसा कोई स्टेटमेंट जारी नहीं किया था लिहाजा घोषणा पत्र पर भारत ने सख्त रूख अख्तियार करते हुए हस्ताक्षर करने से मना कर दिया। यह सिर्फ एक कूटनीतिक असहमति नहीं थी, बल्कि भारत की उस नीति का प्रतिबिंब था, जो कहती है — "अब आतंक के केंद्र सुरक्षित नहीं हैं। हम अपने अधिकारों के तहत कार्रवाई करेंगे।"
 
 
 
 
 
‘ऑपरेशन सिंदूर’ का सीधा उल्लेख
 

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने SCO की बैठक में चीन और पाकिस्तान के सामने ही यह स्पष्ट किया कि 7 मई 2025 को भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में कार्रवाई की। उन्होंने कहा, “हमारे पास आत्मरक्षा का अधिकार है और हमने दिखाया है कि अब आतंकवाद फैलाने वाले सुरक्षित नहीं रह सकते।”

 
पाकिस्तान को स्पष्ट शब्दों में घेरा
 

बैठक में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ भी मौजूद थे। ऐसे में राजनाथ सिंह का यह कहना कि “कुछ देश अब भी आतंकवाद को सरकारी नीति का हिस्सा मानते हैं और आतंकियों को पनाह देते हैं” सीधे पाकिस्तान पर निशाना था। उन्होंने कहा, “SCO को ऐसे देशों की आलोचना करने में संकोच नहीं करना चाहिए।”

 
राजनाथ सिंह का संदेश: भारत की रणनीतिक सोच
 
 
1. आतंकवाद सबसे बड़ी चुनौती
 

राजनाथ सिंह ने कहा कि आज की सबसे बड़ी समस्याएं — शांति, सुरक्षा और विश्वास की कमी — सीधे तौर पर कट्टरपंथ और आतंकवाद से जुड़ी हैं। उन्होंने दो टूक कहा कि "इनसे निपटने के लिए केवल निंदा नहीं, निर्णायक कार्रवाई जरूरी है।"

 
2. आतंकवाद पर जीरो टॉलरेंस नीति
 

भारत की नीति स्पष्ट है — Zero Tolerance for Terrorism। राजनाथ बोले: “हम न सिर्फ अपने देश की रक्षा करेंगे, बल्कि यह भी सुनिश्चित करेंगे कि आतंकवाद के अड्डे सुरक्षित न रहें।”

 
3. संवाद और सहयोग की भारतीय परंपरा
 

भारत ने यह भी रेखांकित किया कि संवाद और सहयोग ही संघर्षों को रोक सकते हैं। उन्होंने कहा: “कोई भी देश कितना भी बड़ा क्यों न हो, अकेले वैश्विक चुनौतियों से नहीं निपट सकता। हमारी सनातन परंपरा 'सर्वे भवन्तु सुखिनः' यही सिखाती है।”

 
4. महामारी व जलवायु संकट जैसी वैश्विक चुनौतियां
 

राजनाथ सिंह ने यह भी कहा कि कोरोना महामारी ने दुनिया को सिखा दिया कि चुनौतियों की कोई सीमा नहीं होती। चाहे वह महामारी हो, जलवायु परिवर्तन या साइबर हमले — इनका समाधान वैश्विक सहयोग से ही संभव है।

 
क्या है SCO? और इसके सदस्य देश
 

शंघाई सहयोग संगठन (SCO) एक क्षेत्रीय अंतरराष्ट्रीय संगठन है, जिसकी स्थापना 15 जून 2001 को शंघाई (चीन) में हुई थी। इसका उद्देश्य क्षेत्रीय सुरक्षा, आतंकवाद विरोधी रणनीति, आर्थिक सहयोग और राजनीतिक स्थिरता को बढ़ावा देना है।

 
SCO के सदस्य देश (2025 तक):


चीन


रूस


भारत


पाकिस्तान


कजाकिस्तान


किर्गिस्तान


ताजिकिस्तान


उज़बेकिस्तान


ईरान (2023 में पूर्ण सदस्य बना)


भौगोलिक स्थिति व सामरिक महत्व:


SCO सदस्य देश विश्व की लगभग 42% जनसंख्या और 25% वैश्विक GDP का प्रतिनिधित्व करते हैं। इन देशों की साझा सीमाएँ, ऊर्जा संसाधन, और सामरिक बंदरगाह इस संगठन को अभूतपूर्व भू-राजनीतिक शक्ति प्रदान करते हैं।

 
भारत का ‘बोल्ड डिप्लोमेसी मोमेंट
 

भारत का SCO के संयुक्त बयान से खुद को अलग रखना केवल राजनयिक रणनीति नहीं, भविष्य की नीति का ट्रेलर है यह एक संकेत है कि भारत अब अपने सुरक्षा हितों पर समझौता नहीं करेगा — चाहे वह बहुपक्षीय मंच हो या सीमा पार बैठी शक्तियाँ। भारत का संदेश स्पष्ट है कि आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, और दुनिया को अब अपने “डबल स्टैंडर्ड” छोड़ने होंगे।

 
 
 
 
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