भारत सरकार से मिली बड़ी मंज़ूरी
एलन मस्क की स्पेस एक्स कंपनी Starlink, जो अब तक दुनिया के 100 से अधिक देशों में हाई-स्पीड सैटेलाइट इंटरनेट सेवा दे रही है, को भारत सरकार से आधिकारिक मंजूरी मिल चुकी है। भारत की स्पेस कम्युनिकेशन रेगुलेटरी संस्था IN-SPACe ने Starlink को भारत में 5 वर्षों के लिए Gen-1 सैटेलाइट के जरिए इंटरनेट सेवाएं देने का लाइसेंस दिया है। यह एक ऐतिहासिक कदम है क्योंकि पहली बार भारत में इतनी व्यापक सैटेलाइट इंटरनेट सेवा लॉन्च की जा रही है। Starlink भारत में पिछले 3 वर्षों से तैयारी में जुटा था, लेकिन अब जाकर इसे कानूनी और नीतिगत मंजूरी मिली है।
कैसे काम करता है Starlink ?
Starlink का पूरा सिस्टम लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) में तैनात हजारों छोटे-छोटे सैटेलाइट्स पर आधारित है, जो सीधे यूजर्स के डिश एंटीना से कनेक्ट होकर इंटरनेट सिग्नल भेजते हैं।
मुख्य विशेषताएं:
• सैटेलाइट डिश सीधे Starlink सैटेलाइट से कनेक्ट होती है
• इंटरनेट सेवा के लिए न मोबाइल नेटवर्क की जरूरत, न सिम कार्ड की
• हर मौसम और हर क्षेत्र में uninterrupted सेवा
• शहर से लेकर गांव, जंगल, पहाड़ और रेगिस्तान तक कवरेज
Starlink Kit में क्या-क्या मिलेगा?
• एक सैटेलाइट डिश
• माउंटिंग ट्राइपॉड
• Wi-Fi राउटर
• पावर केबल्स और कनेक्शन वायरिंग
• iOS और Android के लिए ऐप, जिससे यूजर सेटअप और नेटवर्क मॉनिटरिंग कर सके। यह पूरी किट उपयोगकर्ता को सीधे डिलीवर की जाएगी, और सेटअप बहुत आसान होगा “Plug & Play” मॉडल पर आधारित।
लागत कितनी होगी?
Starlink इंडिया की सेवाओं की लागत दो भागों में होगी:
1. इंस्टॉलेशन किट की कीमत: अनुमानित कीमत ₹33,000 से ₹35,000 के बीच हो सकती है।
2. मासिक सब्सक्रिप्शन: रिपोर्ट्स के अनुसार, मंथली प्लान लगभग ₹3000 तक हो सकता है। हालांकि, पहले महीने की सेवा फ्री देने की योजना कंपनी बना रही है, जिससे यूजर्स अनुभव कर सकें।
लाइसेंस मिलने के बाद Starlink को अब कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाने होंगे...जैसे :
• स्पेक्ट्रम अलॉटमेंट: सरकार से आवश्यक रेडियो स्पेक्ट्रम प्राप्त करना होगा। जैसे :
• ग्राउंड इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना
* सैटेलाइट अर्थ स्टेशन
* गेटवे कम्युनिकेशन सेंटर
* कंट्रोल व मॉनिटरिंग यूनिट्स
* सिक्योरिटी क्लियरेंस : भारत की सुरक्षा एजेंसियां Starlink की तकनीक और ट्रांसमिशन को जांचेंगी। इसके बिना कमर्शियल सेवा शुरू नहीं हो सकती।
• पायलट टेस्टिंग और ट्रायल : नेटवर्क की स्थिरता और सुरक्षा के लिए प्रारंभिक परीक्षण होंगे।
भारत में Starlink सेवा कब से शुरू होगी?
हालांकि Starlink की सेवा की सटीक शुरुआत की तारीख नहीं बताई गई है, लेकिन सरकार से स्पेक्ट्रम और सिक्योरिटी क्लियरेंस मिलने के बाद यह अगले 2–3 महीनों में शुरू हो सकती है।
स्पीड और परफॉर्मेंस
Starlink ने दावा किया है कि उसकी सेवा में:
• डाउनलोड स्पीड: 50 Mbps से 250 Mbps
• लेटेंसी (ping): 20ms से 40ms
यह गति इतनी तेज होगी कि आप 4K स्ट्रीमिंग, Zoom कॉल, क्लाउड गेमिंग, AR/VR जैसी हाई-बैंडविड्थ एक्टिविटीज भी आसानी से कर सकेंगे।
Starlink के भारतीय साझेदार?
भारत में Starlink को दो प्रमुख टेलीकॉम दिग्गजों का साथ मिला है:
• जियो (Reliance Jio)
• एयरटेल (Bharti Airtel)
दोनों कंपनियों ने Starlink के साथ पार्टनरशिप कर अपने रिटेल स्टोर्स के माध्यम से Starlink की किट्स बेचने की योजना बनाई है। इससे Starlink का नेटवर्क भारत में व्यापक और तेज़ी से फैलेगा।
भारत को Starlink से फायदा ?
Starlink की शुरुआत भारत में कई स्तरों पर गेम-चेंजर साबित हो सकती है:
1. ग्रामीण और दूरदराज़ क्षेत्रों में क्रांति
* जहां आज तक इंटरनेट नहीं पहुंचा, वहाँ अब ब्रॉडबैंड मिलेगा।
2. डिजिटल इंडिया मिशन को बल
* शिक्षा, टेलीमेडिसिन, सरकारी सेवाएं अब सुदूर गांवों में भी डिजिटल होंगी।
3. आपातकालीन स्थितियों में नेटवर्क बैकअप
* बाढ़, भूकंप, तूफान जैसी आपदाओं में जब नेटवर्क ठप हो, तब Starlink एक्टिव रहेगा।
4. रेलवे, टनल और समुद्री क्षेत्रों में कनेक्टिविटी
* अंडरग्राउंड मेट्रो, हाईवे टनल्स और समुद्र में भी अब सिग्नल मिलेगा।
Starlink अभी किन देशों में है?
Starlink की सेवा फिलहाल 100 से अधिक देशों में उपलब्ध है, जिनमें शामिल हैं:
• एशिया: जापान, फिलीपींस, मलेशिया, इंडोनेशिया, मंगोलिया, जॉर्डन, श्रीलंका, बांग्लादेश
• यूरोप, अमेरिका और अफ्रीका के अधिकांश देश
• भविष्य में और विस्तार की योजना
Starlink के पास अभी 6,750 से अधिक सैटेलाइट्स हैं और कंपनी 2027 तक इसे बढ़ाकर 42,000 सैटेलाइट्स तक ले जाने की योजना बना रही है।
तकनीक, स्पीड और भरोसे का मिलन
Starlink का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह सीधे उपग्रहों से इंटरनेट भेजता है, जिससे पारंपरिक मोबाइल नेटवर्क की सीमाएं खत्म हो जाती हैं। और चूंकि यह लो अर्थ ऑर्बिट में है, इसलिए डेटा ट्रांसमिशन में देरी (लेटेंसी) बहुत कम होती है। एक तरह से देखें तो Starlink भारत को 5G से भी आगे की दुनिया में ले जाने वाला कदम है।
Starlink केवल एक इंटरनेट सेवा नहीं, बल्कि एक तकनीकी आंदोलन है। यह डिजिटल भारत के सपने को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। जहां नेटवर्क नहीं पहुंचा, वहां अब Starlink पहुंचेगा। जहां सीमाएं थीं, वहां अब ब्रॉडबैंड होगा। और जहां बाधाएं थीं, वहां अब कनेक्टिविटी होगी।