भारतीय वायुसेना (IAF) एक बार फिर अपनी मारक क्षमता को अगले स्तर तक ले जाने की तैयारी में है। इस बार फोकस है इजराइल की खतरनाक और अति-आधुनिक मिसाइल LORA को भारतीय सुखोई-30 MKI फाइटर जेट्स के साथ एकीकृत करने पर। यह केवल एक मिसाइल शामिल करने का मामला नहीं, बल्कि भारत की बदलती रणनीतिक सोच और युद्ध की तैयारी में गुणवत्ता वृद्धि का प्रतीक है।
ब्रह्मोस के बाद अगला कदम LORA क्यों?
भारत के पास पहले से ही सुपरसोनिक ब्रह्मोस मिसाइल है, जो हवा से जमीन पर सटीक हमले में बेहद प्रभावी है। लेकिन मई 2025 में हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान, जब IAF ने ब्रह्मोस का उपयोग कर पाकिस्तान के अंदर गहरे स्थित आतंकी बेस को सटीकता से तबाह किया, तो यह स्पष्ट हुआ कि भविष्य में ऐसे हमलों की आवश्यकता और गहराई दोनों बढ़ सकती है।
इसी को ध्यान में रखते हुए, वायुसेना अब ऐसी मिसाइल चाहती है जो:
ज्यादा रेंज तक मार कर सके
हवा से छोड़े जा सकने में सक्षम हो
और रणनीतिक ठिकानों पर बिना किसी चेतावनी के हमला कर सके
और यही जरूरत इजराइली LORA मिसाइल पूरी कर सकती है।
LORA: क्यों है इतनी खास?
LORA (Long-Range Artillery) एक क्वाज़ी-बैलिस्टिक, सुपरसोनिक मिसाइल है जिसे इजराइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज (IAI) ने विकसित किया है। इसका उद्देश्य है दुश्मन के कमांड सेंटर, हाई-वेलेटार्गेट, रेडार सिस्टम्स, और बेस इनफ्रास्ट्रक्चर को बहुत कम समय में सटीक और तेज रफ्तार हमले से नष्ट करना।
तकनीकी विशेषताएँ: पैरामीटर विवरण
रेंज - 400–430 किमी – गहराई में स्थित दुश्मन अड्डों तक पहुंच
गति - लगभग 6,174 किमी/घंटा – सुपरसोनिक रफ्तार
सटीकता - 10 मीटर CEP – बेहद सटीक वार क्षमता
प्रणाली - फायर-एंड-फॉरगेट, इन-फ्लाइट टारगेट अपडेटिंग
लॉन्च प्लेटफॉर्म - हवा से लॉन्च योग्य, विशेषतः Su-30 MKI जैसे विमानों के लिए
स्ट्रैटजिक गेमचेंजर:
जहां ब्रह्मोस वायुसेना को स्टैंड-ऑफ अटैक की अभूतपूर्व क्षमता देता है, वहीं LORA उसे और अधिक लचीला बनाता है खासतौर पर दीर्घ दूरी की रणनीतिक सर्जिकल स्ट्राइक के लिए। LORA के आने से भारत के पास अब यह विकल्प होगा कि वह दुश्मन की गहराई में स्थित लक्ष्य को बिना सीमा पार किए, अपने वायुक्षेत्र से ही घातक प्रहार कर सके।
यह कॉम्बो भारत को देगा : सर्जिकल स्ट्राइक की अगली पीढ़ी
फास्ट डिप्लॉयमेंट और ऑन-डिमांड टारगेटिंग क्षमता
प्रत्युत्तर और प्रारंभिक हमला – दोनों की शक्ति
रणनीति ?
LORA को भारतीय वायुसेना में शामिल करने की योजना यह साफ दर्शाती है कि भारत अब सिर्फ जवाबी कार्रवाई नहीं, बल्कि पहले वार करने की रणनीतिक स्थिति में पहुंच चुका है। यह न सिर्फ पाकिस्तान, बल्कि चीन जैसे दुस्साहसी पड़ोसियों के लिए भी एक स्पष्ट संदेश है भारत की वायुशक्ति अब केवल रक्षात्मक नहीं, बल्कि निर्णायक भी है।
LORA के साथ भारत की अगली छलांग
IAF की यह रणनीति न सिर्फ तकनीकी अपग्रेड है, बल्कि यह भारत के भविष्य के युद्ध सिद्धांतों का आधार भी बन रही है जिसमें सटीकता, स्पीड, और स्ट्रैटजिक सरप्राइज प्रमुख होंगे। इजराइल जैसे रक्षा साझेदारों के साथ सहयोग से भारत अब पूरी तरह से वैश्विक स्तर की एयरोस्पेस क्षमताओं की ओर बढ़ चुका है।