
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच और कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स एसोसिएशन (CAIT) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से ई-कॉमर्स दिग्गज फ्लिपकार्ट और अमेजन द्वारा कथित पूर्वनिर्धारित मूल्य निर्धारण को पूरा करने का फैसला किया है। ।
सीएआईटी ने यह भी मांग की है कि मोदी सरकार उन बैंकों की जांच करे जो इन ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर कैश-बैक ऑफर को बढ़ावा दे रहे हैं।
दोनों संगठनों ने कहा कि उन्होंने इस दिवाली पर ई-कॉमर्स दिग्गजों के "अनैतिक व्यापार प्रथाओं" से प्रभावित होने के डर से अभिनय करने का फैसला किया है। सीएआईटी के अध्यक्ष बी.सी. भरतिया ने ThePrint को बताया कि भारत में खुदरा व्यापार लगभग 45 लाख करोड़ रुपये का सालाना कारोबार करता है, जिसमें से लगभग 6 लाख करोड़ रुपये का व्यापार दिवाली के त्योहारी सीजन के दौरान होता है।
उन्होंने कहा कि इस त्योहारी सीजन में अच्छा कारोबार करने की उम्मीद में, व्यापारियों ने स्टॉक किया है लेकिन डर है कि उनकी संभावना ऑनलाइन छूट से प्रभावित होगी। भरतिया ने आगे कहा कि दोनों निकायों से जुड़े व्यापारी इस दीवाली को विरोध के निशान के रूप में नहीं सजाएंगे।