एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट मानें तो इस साल गर्मी के महीनों में सीमा पर क्रॉस बार्डर एक्शन व घुसपैठ नहीं हुई है। देखा जाए तो सीज फायर का उल्लंघन अधिकतम जगहों पर छोटे हथियारों से ही किया गया है।
जम्मू कश्मीर में बीते 6 महीने में 100 से अधिक आतंकी गतिविधियों में 32 पुलवामा, 23 शोपियां, 15 अनंतनाग और 10 श्रीनगर में घटित हुई हैं। इसमें अधिकतम आतंकी गतिविधियां सुरक्षाबलों पर फायरिंग, ग्रेनेड फेंकने, पेट्रोल बम फेंकने, आईईडी से हमला करने, हथियार छीनने और सुरक्षाबलों को बंदी बनाने जैसी घटनाएं शामिल हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक बीते 6 माह में 71 जवान शहीद हुए हैं और 115 जवान गंभीर रूप से घायल हुए हैं। इसमें अधिकतम शहादत 14 फरवरी के पुलवामा बम धमाके की है। जिसमें आतंकियों ने सीआरपीएफ के बस को निशाना बनाकर हमला किया था। उस अकेली घटना में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे। शहीद हुए 71 जवानों में 15 जवान भारतीय सेना के, 48 जवान सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्स के और 8 जवान जम्मू कश्मीर पुलिस के थे।
जम्मू कश्मीर में सक्रिय आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन और जैश-ए-मोहम्मद का प्रमुख कौन ?
जम्मू कश्मीर में मुख्य रुप से 9 आतंकी संगठन सक्रिय है, उसके अलावा छोटे स्तर पर बहुत से आतंकी संगठन है। इन आतंकी सगठनों में हिजबुल मुजाहिद्दीन और जैश-ए-मोहम्मद संगठन प्रमुख है। इन दोनों आतंकी संगठनों ने बड़े-बड़े आतंकी हमलों को अंजाम दिया है , जिनमें हजारों बेगुनाहों की मौत हुई है।
1. हिजबुल मुजाहिदीन
हिजबुल मुजाहिदीन कश्मीर के सबसे बड़े आतंकी संगठनों में से एक है। इस आतंकी संगठन की शुरुआत 1989 में हुई थी। जून 2017 में इसके सरगना सैयद सलाउद्दीन को अमेरिका ने ग्लोबल आतंकवादी भी घोषित किया था। माना जाता है कि इस आतंकी संगठन का हेडक्वॉर्टर पीओजेके के मुजफ्फराबाद में है।
जैश ए मोहम्मद आतंकी संगठन का गठन सन् 2000 में हुआ था। इस संगठन ने भारत के बड़े हमलों को अंजाम दिया है। 13 दिसंबर 2001 में संसद भवन पर हुए आतंकी हमले को इसी आतंकी संगठन ने अंजाम दिया था। इस आतंकी संगठन की शुरुआत 31 जनवरी सन् 2000 में आतंकी मौलाना मसूद अजहर ने पाकिस्तान के कराची में किया था। मसूद अजहर वहीं आतंकी है, जिसे आतंकियों ने इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट को हाइजैक करके साल 1999 में भारतीय जेल से छुड़ाया था।