21 साल पहले जब कारगिल युद्ध में पाकिस्तानी फ़ौज की कमर टूट गई थी और निर्धारित समय सीमा के भीतर उन्हें भारतीय भूमि खाली करने पर मजबूर कर दिया गया था। तब आज ही के दिन 19 जुलाई 1999 को जम्मू कश्मीर के डोडा जिले के ठाठरी तहसील में
नायब सुबेदार बाना सिंह 'जम्मू कश्मीर लाइट इंफेंट्री' का हिस्सा थें। 26 जून 1987 को पाकिस्तानी सेना ने करीब 21,000 फीट की ऊचांई पर सियाचिन ग्लेशियर में मौजूद कायद चौकी को अपने कब्जे में ले लिया था। उस वक्त नायब सूबेदार बन्ना सिंह ने पाकिस्तानी
जम्मू-कश्मीर के रियासी, कठुआ और डोडा में पिछले 60 घंटों में एक के बाद एक लगातार तीन आतंकी घटनाएं हुई हैं। इनमें रियासी में हुए आतंकी हमले में 9 श्रद्धालुओं की जान चली गई। इसके अलावा 1 जवान वीरगति को प्राप्त हुआ। साथ ही मुठभेड़
जम्मू कश्मीर में आतंकवाद के बाद अब सीमापार से सबसे बड़ा खतरा नशीले पदार्थों की स्मगलिंग का बन चुका है। घाटी के युवाओं का भविष्य ख़राब करने के लिए पाकिस्तान की तरफ से आय दिन जम्मू कश्मीर में ड्रग्स की स्मगलिंग की जा रही है। हालाँकि सी